करीब तीन महीने पहले एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा पर उनकी 17 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में बेंगलुरु की एक अदालत द्वारा ग़ैर-ज़मानती अरेस्ट वॉरंट जारी किया था, पूर्व सीएम ने हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत की मांग की थी.
बीते एक महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने बलात्कार के तीन आरोपियों को पीड़िता से शादी करने की शर्त पर ज़मानत दी. वहीं, दो अन्य मामलों में आरोपी के वकील के यह कहने पर कि आरोपी रिहा होते ही पीड़िता से शादी कर लेगा, जस्टिस सिंह ने उनकी ज़मानत को मंज़ूरी दी.
केरल हाईकोर्ट में एक अविवाहित मां के बेटे ने याचिका लगाई थी. उसके पिता का नाम तीन दस्तावेजों में अलग-अलग था. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि इस देश में बलात्कार पीड़िताओं और अविवाहित मांओं के भी बच्चे हैं. जन्म प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों में केवल अपनी मां के नाम का उल्लेख करना एक व्यक्ति का अधिकार है.
गुजरात हाईकोर्ट ने 24 जून 2021 को आसाराम के बेटे नारायण साई को दो हफ्तों के लिए फर्लो दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में इस पर रोक लगा दी थी, जिसे राज्य ने चुनौती दी थी. सूरत की दो बहनों द्वारा नारायण साई के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में अदालत ने 2019 में साई को बलात्कार दोषी ठहराते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
बलात्कार मामलों में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेदिक इलाज के लिए सज़ा कुछ महीने के लिए निलंबित करने का अनुरोध किया था. शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि उनका अपराध कोई साधारण अपराध नहीं है. उन्हें जेल में ही आयुर्वेदिक उपचार मुहैया करा दिया जाएगा.
जोधपुर की एक अदालत ने साल 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. अब आसाराम ने अपनी विभिन्न बीमारियों का हवाला देते हुए याचिका दायर कर सज़ा निरस्त करने और अंतरिम ज़मानत की मांग की है.
मामला शाहजहांपुर जेल का है, जहां 21 दिसंबर को जेल परिसर में क़ैदियों को कंबल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें आसाराम की तस्वीर वाला बैनर लगाया गया था. सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम की तस्वीर वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.
साल 2013 में आसाराम के आश्रम में पढ़ रही शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. अप्रैल 2018 में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. तब से आसाराम जेल में ही बंद हैं. शाहजहांपुर जेल में हुए कार्यक्रम को लेकर नाबालिग के पिता ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की थी.
कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष एम. रामचंद्रन ने कहा था कि कोई भी आत्मसम्मान वाली महिला या तो बलात्कार के बाद मर जाएगी या दोबारा अपने साथ बलात्कार नहीं होने देगी. राज्य महिला आयोग ने रामचंद्रन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग के बलात्कार के दोषी ठहराए गए स्वयंभू संत आसाराम की सह-आरोपी की याचिका पर उन पर लिखी किताब को रिलीज़ होने से रोक दिया है. किताब आसाराम को गिरफ़्तार करने वाली राजस्थान पुलिस की टीम का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा ने लिखी है.
अहमदाबाद में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रहे दो बच्चे तीन जुलाई, 2008 को लापता हो गए थे. पांच जुलाई को साबरमती नदी के किनारे बच्चों के शव मिले थे. बच्चों के परिजनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बच्चों की हत्या का आरोप लगाया था.
सोशल मीडिया पर वीडियो डिलीट करने के बाद स्वाति मालीवाल ने कहा कि वीडियो शेयर करने का उद्देश्य दोषी की पहचान करवाना था. हालांकि, मैंने वीडियो डिलीट कर दिया है और पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो माफी मांगती हूं.
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
सूरत की दो बहनों ने साल 2013 में नारायण साई के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया था. नारायण साई का पिता स्वयंभू संत आसाराम बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान के जोधपुर में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहा है.
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि मीडिया में यौन उत्पीड़न पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किया जा सकता है. परिजनों की अनुमति के बाद भी ऐसा नहीं किया जा सकता है.