वीडियो: आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के ग्राहकों के लिए छह महीने में सिर्फ़ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय कर दी है. इस मुद्दे पर नई दिल्ली में बैंक उपभोक्ताओं से विशाल जायसवाल की बातचीत.
सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में ख़बर आई थी कि आरबीआई नौ बैंकों को स्थायी रूप से बंद कर रहा है और उसने लोगों से इन बैंकों से अपने पैसे वापस निकालने की अपील की है. रिज़र्व बैंक ने इसे झूठा क़रार दिया है.
रिज़र्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई है.
15वें वित्त आयोग के केंद्रीयकरण की कोशिशों पर रोक लगनी चाहिए.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हर किसी ने आर्थिक वृद्धि का जो अनुमान जताया था, वह 5.5 प्रतिशत से कम नहीं था.
मई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक 45 अरब डॉलर से ज़्यादा की राशि विदेश भेजी जा चुकी है. वहीं यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान पांच सालों में विदेश भेजी गई कुल राशि 5.45 अरब डॉलर थी.
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2000 रुपये और 500 रुपये के नकली नोटों में क्रमश: 21.9 फीसदी और 221 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं 200 रुपये के नकली नोटों में 161 गुना की वृद्धि हुई.
देश का शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक इस अवधि में धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार बना क्योंकि कुल धोखाधड़ी की 38 फीसदी धनराशि इसी बैंक से जुड़ी हुई है.
मुद्रा योजना पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय की सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस योजना के तहत जितने अतिरिक्त रोजगार पैदा हुए उसमें आधे से भी ज्यादा स्व-रोजगार थे.
पिछले साल इसी अवधि में आपात कोष 2.32 लाख करोड़ रुपये पर था. यह वह कोष है जो केंद्रीय बैंक आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने पास रखता है.
नोटबंदी से पहले 4 नवंबर, 2016 तक 17.74 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में थी. इस तरह नोटबंदी से पहले की तुलना में नकद राशि यानि चलन में मुद्रा में करीब 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
रिजर्व बैंक द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018-19 में 71,542.93 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए. साल 2017-18 में धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपये थी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसको लेकर बेखबर हैं कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गई आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए. आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलने वाला है. यह किसी दवाखाने से बैंड-एड चुराकर, गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है.
आरबीआई के निदेशक मंडल ने केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया है. आरबीआई ने सरकार को जो राशि देने का फैसला किया है वह पिछले पांच सालों के मुकाबले तीन गुना अधिक है.
प्रमुख नीतिगत दर रेपो में पहली बार 0.35 प्रतिशत की चौंकाने वाली कटौती करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को अधिक समर्थन की जरूरत है, इसलिए मेरा मानना है कि नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की परंपरागत कटौती कम होगी.