तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदराराजन ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति सरकार द्वारा परंपराओं के निर्वहन में उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राज्य के राज्यपाल को आमंत्रित नहीं करना तेलंगाना सरकार द्वारा संविधान का घोर उल्लंघन है.
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कर्नाटक राज्य की झांकी को केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. 13 सालों में पहली बार राज्य की झांकी परेड का हिस्सा नहीं होगी. विपक्षी कांग्रेस ने इसके लिए बसवराज बोम्मई सरकार की निंदा की है, वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इस पर विवाद पैदा करना सही नहीं है.
एक सार्वभौमिक और मानवतावादी प्रार्थना को हटाना वही संदेश देता है, जिसे 'न्यू इंडिया' सुनना चाहता है.
बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटाए गए महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक 'एबाइड विद मी' का हिंदी अनुवाद.
यह कितना बड़ा झूठ है कि कोई राज्य दंगे के कारण अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाए, लेकिन झांकी सजाए लघु उद्योगों की.
इस बहुरंगी देश को इकरंगी बनाने की क़वायदें अब गणतांत्रिक प्रतीकों व विरासतों को नष्ट करने के ऐसे अपराध में बदल गई हैं कि उन्हें इतिहास से बुरे सलूक की हमारी पुरानी आदत से जोड़कर भी दरकिनार नहीं किया जा सकता.
बीटिंग द रिट्रीट समारोह में बजाई जाने वाली प्रार्थना 'एबाइड विद मी' महात्मा गांधी की पसंदीदा थी. 1950 से लगातार समारोह का हिस्सा रही इस धुन को 2020 में भी हटाया गया था पर भारी विरोध के बाद 2021 में फिर शामिल कर लिया गया. इस साल समारोह में बजने वाली 26 धुनों की आधिकारिक सूची में इसका ज़िक्र नहीं है.
गणतंत्र दिवस परेड के लिए कुछ राज्यों की झांकियों को मंज़ूरी नहीं दी गई है. केरल सहित ग़ैर भाजपा शासित राज्यों के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा अपमान है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों का चयन निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है.
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर 23 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की है. पिछले साल भी पश्चिम बंगाल की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की मंज़ूरी केंद्र ने नहीं दी थी.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन द्वारा एक मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि आधिकारिक सूचनाओं को सार्वजनिक करने से पूर्व में विवाद खड़ा हो चुका है और इसलिए आदेश का पालन न करने वालों को दंडित किया जाएगा.
गणतंत्र दिवस परेड में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की पहली झांकी दिखाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कारगिल के नेताओं ने मांग की है कि या तो इस झांकी को वापस लिया जाए या फिर प्रशासन इसमें संशोधन करे. उन्होंने कहा कि इस झांकी में सिर्फ़ बौद्ध बहुल लेह के प्रतीकों को शामिल किया गया है.
सेना ने बीटिंग रिट्रीट के लिए आधिकारिक धुनों की जो पुस्तिका निकाली है, उसमें ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ शामिल है. बैंड द्वारा बजायी जाने वाली धुनों में ‘वंदे मातरम’ भी शामिल है.
हर साल 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी के विजय चौक पर आयोजित होने वाले बीटिंग द रिट्रीट का समापन पारंपरिक रूप से महात्मा गांधी के पसंदीदा गीत 'एबाइड विद मी' गीत के साथ होता रहा है. इस साल समारोह के 'वंदे मातरम' के साथ समाप्त होने की संभावना है.
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार के बाद केरल चौथा राज्य है, जिसकी झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ख़ारिज किया गया है. केरल के क़ानून मंत्री एके बालन ने केंद्र के इस फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के कारण राज्य के लोगों का अपमान किया है.