लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को तनख़्वाह देने के मुद्दे को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्योगों और श्रमिकों को एक-दूसरे की ज़रूरत है और पारिश्रमिक का मुद्दा साथ बैठकर सुलझाना चाहिए. साथ ही शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय से कर्मचारियों को लॉकडाउन में पारिश्रमिक देने संबंधी उसके सर्कुलर की वैधता पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान नियोक्ताओं पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव पर विचार किए बगैर ही कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी कर दिया था.
असम संग्रामी चाह श्रमिक संघ की ओर से दाख़िल याचिका में कहा गया है कि राज्य में 803 चाय बागान हैं, जिनमें करीब 10 लाख श्रमिक काम करते हैं. अनेक चाय बागानों के श्रमिकों को लॉकडाउन की अवधि का पारिश्रमिक नहीं दिया गया है.
श्री वेंकटेश्वर मंदिर का देखरेख करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद हर महीने 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले के कंडी स्थित आईआईटी हैदराबाद में वेतन न मिलने से नाराज़ हज़ारों प्रवासी मज़दूरों ने प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है.
इस साल यह दूसरी बार है जब बीएसएनएल और एमटीएनएल द्वारा अपने कर्मचारियों को समय से वेतन देने में चूक हुई. इससे पहले बीते फरवरी महीने कर्मचारियों को वेतन देरी से मिला था.
पेंशन लेने वाले पूर्व सांसदों में बड़े बिज़नेसमैन, अख़बार के मालिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व चुनाव आयुक्त, पूर्व मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील, फिल्मकार, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद् और भ्रष्टाचार के आरोपियों तक के नाम शामिल हैं. साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व सांसदों के लिए पेंशन व्यवस्था ख़त्म करने की मांग की गई थी.
बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों ने कंपनी को संकट से उबारने के लिए सरकार को लिखा पत्र. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी की आर्थिक सेहत बुरी तरह प्रभावित हुई है.
बॉम्बे हाईकोर्ट केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह ऐसा रुख़ कैसे अपना सकती है कि अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं देगी क्योंकि उनका आधार कार्ड उनके वेतन खाते से नहीं जुड़ा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार वेतन का यह अंतर कार्य अनुभव बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है.
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि निर्देशानुसार गंभीर अपराधों के लंबित मामलों में प्रतिदिन कम से कम एक गिरफ़्तारी होनी चाहिए, लेकिन हफ़्ते में एक गिरफ़्तारी भी नहीं हो रही.
श्रम सचिव एम. सत्यवती ने कहा, हर साल एक करोड़ युवा रोज़गार चाहने वालों में शामिल होते हैं. दुर्भाग्य से नौकरी पाने के लिए कई युवाओं में ज़रूरी कौशल नहीं होता.
अब अकुशल कर्मियों का न्यूनतम वेतन 9,724 रुपये से बढ़कर 13,350 रुपये, अर्ध-कुशल कर्मियों का 10,764 रुपये से बढ़कर 14,698 रुपये मासिक हो जाएगा.