कानपुर मुठभेड़ः गिरफ़्तार पुलिसकर्मी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, एसआईटी जांच की मांग

उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात रहे निलंबित सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ख़ुद की और पत्नी की जान को ख़तरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है. शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने छापेमारी की सूचना पहले ही गैंगस्टर विकास दुबे को पहले ही दे दी थी.

विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक सदस्यीय कमेटी गठित की

रिटायर्ड जज जस्टिस एसके अग्रवाल की अगुवाई वाली यह समिति विकास दुबे के अन्य सहयोगियों की एनकाउंटर में मौत के मामलों की भी जांच करेगी. इसका मुख्यालय कानपुर में होगा और इसे दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.

यूपी: विकास दुबे से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित

संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गैंगस्टर विकास दुबे की आपराधिक गतिविधियों की जांच कर 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दुबे के कथित एनकाउंटर की जांच की मांग करते हुए तीन और याचिकाएं दायर की गई हैं.

लॉकडाउन की तुलना आपातकाल से नहीं की जा सकती, ज़मानत अपरिहार्य अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तय समय पर आरोप-पत्र दायर नहीं किए जाने पर एक आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए की.

सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रोगियों के इलाज संबंधी बीमा को लेकर केंद्र और इरडा को नोटिस भेजे

याचिका में कहा गया है कि बीमा कंपनियां मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2007 की धारा 21(4) का उल्लंघन कर रही हैं, जिसके तहत हर बीमाकर्ता को शारीरिक बीमारियों के इलाज के आधार पर ही मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए प्रावधान बनाना अनिवार्य है.

कांग्रेस नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ की नज़रबंदी पर केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सैफ़ुद्दीन सोज़ की नज़रबंदी को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी की याचिका पर सुनवाई की. केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से ही सैफ़ुद्दीन सोज़ अपने घर में नज़रबंद हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के इलाज में खर्च की सीमा तय करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी क्वारंटीन सेंटर की सुविधा एवं अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है.

फोन पर जातिसूचक टिप्पणी करना एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध नहीं: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत यह ज़रूरी है कि आरोपी ने संबंधित समुदाय के किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर अपमानित करने के उद्देश्य से डराया-धमकाया हो.

मुफ्त जमीन लेने वाले निजी अस्पताल कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज क्यों नहीं कर सकते: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे अस्पतालों की पहचान करने को कहा है, जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज नि:शुल्क या बेहद कम लागत में किया जा सकता है. अदालत ने केंद्र सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.

तिहाड़ जेल में कोरोना वायरस का पहला मामला, सहायक अधीक्षक संक्रमित

कोरोना संक्रमित अधिकारी की तैनाती केंद्रीय कारागार नंबर-7 में तैनात थी. इससे पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक और मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी संक्रमित पाए गए थे.

भीमा-कोरेगांव: तेलतुम्बड़े की अंतरिम जमानत याचिका खारिज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

70 वर्षीय दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े ने जेल में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा बताते हुए जमानत अर्जी दी थी. एनआईए ने स्वीकार किया कि उनका एक सहायक सब इंस्पेक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद भी अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी.

सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर तीन हफ़्ते की रोक

रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी ने एक टीवी डिबेट के दौरान कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था.

25 अप्रैल तक हिरासत में रहेंगे तेलतुम्बड़े, एनआईए ने कहा- जांच अभी पूरी नहीं हुई

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जाने-माने कार्यकर्ता और लेखक आनंद तेलतुम्बड़े ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

तेलतुम्बड़े और नवलखा की गिरफ़्तारी भारत के राजनीतिक इतिहास में ओछेपन का नया स्तर: पीयूडीआर

पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने कहा कि लॉकडाउन के बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा की गिरफ़्तारी भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों को उठाने वाले कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को चुप कराने के केंद्र सरकार के प्रयासों को मज़बूत करती है.

भीमा-कोरेगांव: आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा का आत्मसमर्पण, एनआईए ने किया गिरफ़्तार

नागरिक अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं, जिसके बाद पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी.

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