सीबीएसई ने 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से नागरिकता, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता के पाठ हटाए

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर ये फ़ैसला लिया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है.

गांधी का स्‍वतंत्रता संघर्ष ‘नाटक’ था, ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन गए: भाजपा सांसद

आपत्तिजनक बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है.

धर्मनिरपेक्षता पर चिंताओं का समाधान न हुआ तो भाजपा में बने रहने पर सोचूंगा: नेताजी के पोते

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता संशोधन क़ानून की प्रशंसा की लेकिन कहा कि कुछ बदलाव करने होंगे ताकि किसी भी पीड़ित को नागरिकता दी जा सके, चाहे वे किसी भी धर्म का हो.

कांग्रेस का कर्तव्य धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करना है, सॉफ्ट हिंदुत्व से नहीं टलेगा संकट: थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि भाजपा की सफलता से भयभीत होने के बजाय कांग्रेस के लिए बेहतर होगा कि वह उन सिद्धांतों के लिए खड़ी हो, जिन पर उसने हमेशा ही विश्वास किया है.

कश्मीर के भूगोल पर तो कब्ज़ा किया जा सकता है, पर कश्मीरियत का क्या होगा?

असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.

न सॉफ्ट हिंदुत्व और न ही सॉफ्ट सेकुलरिज़्म कांग्रेस को उबार सकते हैं

आज कांग्रेस के सामने चुनौती पार्टी का कायाकल्प ऐसे दल के तौर पर करने की है, जो अपने पुराने वैभव और साम्राज्य के बिखर जाने की टीस से बाहर निकलकर यह कबूल करे कि अब उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और बचाव की मुद्रा से बाहर निकलकर आक्रामक अंदाज़ में खेलना शुरू करे.

क्या 2019 की नरेंद्र मोदी सरकार 2014 की सरकार से अलग होगी?

क्या नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जल्द ही उन्हें हासिल जनादेश की ग़लत व्याख्या करने और उसको अपनी सारी कारस्तानियों पर जनता की मुहर मान लेने की ग़लती करने लगेगी?

मेघालय हाईकोर्ट ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने संबंधी अपने विवादित फैसले को पलटा

10 दिसंबर, 2018 को दिए एक फैसले में मेघालय हाईकोर्ट के जस्टिस सुदीप रंजन सेन ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता दी जाए.

इस चुनाव में मुसलमानों के लिए क्या है?

आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.

मेरा प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं, लेकिन कोई नया प्रधानमंत्री बने, ये सपना हैः अखिलेश यादव

द वायर डायलॉग्स में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

आपको अपना राष्ट्र मुबारक़, मुझे तो अपना देश चाहिए…

राष्ट्रवाद के शोर के बीच कवि भगवत रावत की एक कविता जिसे अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, निर्देशक तिग्मांशु धूलिया और अभिनेत्री रसिका दुग्गल ने स्वरबद्ध किया है.

अगर हिंदू लड़की को कोई मुस्लिम छूता है तो उसका हाथ काट देना चाहिए: केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े

कर्नाटक के कांग्रेस नेता दिनेश राव ने उनकी इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री या बतौर सांसद उनकी उपलब्धियों को लेकर सवाल पूछ लिया. इस पर हेगड़े ने उनकी शादी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक मुस्लिम महिला के पीछे चलते हैं.

असम: नागरिकता विधेयक पर विरोध तेज़, भाजपा प्रवक्ता ने दिया इस्तीफ़ा

ग़ैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद भाजपा के प्रवक्ता मेहदी आलम बोरा ने कहा कि यह विधेयक असमिया समाज के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को प्रभावित करेगा, इस पर मैं पार्टी से सहमत नहीं इसलिए पार्टी छोड़ रहा हूं.

भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था: मेघालय हाईकोर्ट

मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता दिया जाए.

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