विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा है कि वे जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मोदी सरकार की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का लोगो परिसर में लगाएं, साथ ही वेबसाइट, पोर्टल, स्टेशनरी आइटम आदि पर भी इसे इस्तेमाल करें.
सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है कि रेलवे स्टेशनों पर लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले प्रत्येक स्थायी सेल्फी बूथ की लागत 6.25 लाख रुपये है, जबकि प्रत्येक अस्थायी सेल्फी बूथ की लागत 1.25 लाख रुपये है. मध्य रेलवे द्वारा यह सूचना दी गई थी, जिसके बाद बिना नोटिस दिए इसके एक अधिकारी का तबादला कर दिया गया.
सितंबर 2023 में रेलवे बोर्ड ने 19 ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने का निर्देश दिया था. इसे लेकर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केवल मध्य रेलवे ने इसकी लागत के बारे में जानकारी दी थी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों से अपने छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है. मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये ‘विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज़’ परामर्श कार्यक्रम में बोलेंगे. कुछ शिक्षाविदों और सांसदों ने इस क़दम की आलोचना की है.
यूजीसी के 'सेल्फी पॉइंट' के आदेश समेत उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए जारी होते विभिन्न निर्देशों को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो लगता है कि ‘आज्ञापालक नागरिक’ तैयार करने का प्रयास ज़ोर-शोर से चल रहा है और इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रयोगशाला बनाया जा रहा है.
2024 के आम चुनावों के क़रीब आते ही अपने नवीनतम पत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सुझाव दिया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज के कैंपस अधिकारियों को छात्रों और आगंतुकों को ‘विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों’ पर ‘सामूहिक गौरव’ की भावना पैदा करने के लिए इन पॉइंट्स पर सेल्फी लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सेना से देशभर में सेल्फी पॉइंट बनाने को कहा है जहां सैनिकों की बहादुरी के बजाय उसकी योजनाओं का प्रचार किया जाएगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सत्तारूढ़ दल ने 'सैनिकों की लोकप्रियता का फायदा उठाकर' सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.