केरल पुलिस ने पनूर इलाके के एक संस्थान के शिक्षक और 22 वर्षीय छात्र को 12 से 14 साल के तीन नाबालिग बच्चों के साथ छेड़खानी के आरोप में पॉक्सो क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना छुट्टियों से पहले की है. छुट्टियों के बाद संस्थान खुलने पर बच्चों ने जब वहां जाने से इनकार कर दिया, तब उनके माता-पिता को इसकी जानकारी हुई.
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला देने के बाद एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. 11 मई को हाईकोर्ट की पीठ के एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा था कि यह अपवाद असंवैधानिक नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला दिया, जहां एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है. कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय पर निराशा ज़ाहिर की है.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले का मामला है. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. आरोप है कि पुलिस भी नाबालिग के परिजनों पर समझौता करने का दबाव बना रही थी. घटना के 13 दिन बाद एसपी के हस्तक्षेप करने से छह मई को ज़िले के गजरौला थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई. इस संबंध में लापरवाही के आरोप में थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
एक अभिनेत्री ने कोच्चि पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि अभिनेता विजय बाबू ने फिल्मों में रोल दिलाने का वादा देकर कई बार उनका यौन शोषण किया. वहीं, विजय बाबू ने एक फेसबुक लाइव में महिला का नाम उजागर करते हुए कहा कि वह मामले में असल पीड़ित हैं.
भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बीते सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर प्रोफेसर तपन मोहंती पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए थे. अब दो छात्राओं की शिकायत पर मोहंती के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर ज़िले का मामला है. यह घटना वालपुर गांव में उस वक्त हुई, जब वहां आदिवासी त्योहार भागोरिया मनाया जा रहा था. यौन उत्पीड़न के आरोपियों को गिरफ़्तार करने के अलावा घटना का वीडियो बनाने के लिए दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है.
भोपाल स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय का मामला. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लड़कों और लड़कियों के साथ ‘दुर्व्यवहार’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आरोपी प्रोफेसर ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
आरोप है कि दिल्ली के तिलक नगर की रहने वाली 87 साल की बिस्तर से उठने में असमर्थ महिला से एक व्यक्ति ने मारपीट करने के साथ उनका बलात्कार किया था. परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने मामले में कार्रवाई करने में देरी की और उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मध्य प्रदेश की उस महिला न्यायिक अधिकारी को पद पर बहाल किया जाए, जिसने 2014 में हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और जांच के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. न्यायालय ने कहा कि महिला के इस्तीफ़े को स्वेच्छा से दिया गया त्याग-पत्र नहीं माना जा सकता.
दिल्ली हाईकोर्ट वर्तमान में मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने के अनुरोध की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 375 की संवैधानिकता को यह कहते हुए चुनौती दी है कि यह विवाहित महिलाओं के साथ उनके पतियों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के मामले में भेदभाव करती है.
दिल्ली हाईकोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने का अनुरोध किया गया है. सोमवार की सुनवाई में खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे जस्टिस राजीव शकधर ने कहा कि केंद्र को ‘हां या नहीं’ में जवाब देना होगा, क्योंकि ऐसे मामलों में विचार-विमर्श कभी समाप्त नहीं होता है.
जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति ने यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया कि यौन उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है. छात्राओं के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसे महिला-विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है.
सीजेआई के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में तीन गुनाह हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने इसमें एक चौथा भी जोड़ दिया. पिछले दिनों आई उनकी किताब का मक़सद इन सभी का बचाव करना है, लेकिन हर मामले में यह ख़राब ही साबित हुआ है.
आंध्र प्रदेश के ‘दिशा क़ानून’ पर आधारित शक्ति आपराधिक क़ानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक में महिलाओं व बच्चों से बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों में मौत की सज़ा या आजीवन कारावास का प्रावधान है. ऐसे अपराधों की जांच घटना की तारीख से 30 दिनों में पूरे किए जाने का प्रावधान दिया गया है.