घटना 1 नवंबर की रात को वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू कैंपस में हुई थी, जहां एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उनका उत्पीड़न किया था और निर्वस्त्र कर उनका वीडियो रिकॉर्ड किया था. पुलिस के अनुसार, बाद में आरोपियों के ख़िलाफ़ गैंगरेप के आरोप भी जोड़े गए थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में ज़मानत देते वक्त सर्वोच्च न्यायालय के अपर्णा भट्ट केस के निर्देशों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि ज़मानत की ऐसी कोई शर्त नहीं होनी चाहिए, जो कि आरोपी द्वारा पहुंचाए गए नुकसान को धूमिल कर दे और पीड़िता के दुख को और बढ़ा दे.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते साल यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने के शर्त पर ज़मानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त करते हुए कहा यह यौन उत्पीड़न के अपराध को कमतर करता है. कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों में ज़मानत देने के दिशानिर्देश भी दिए हैं.