राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान भाजपा नेता संदीप दायमा ने कहा था कि अगर भाजपा सरकार बनाती है तो मस्जिदों और गुरुद्वारों को उखाड़ फेंकेंगे. इस दौरान मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. बाद में उन्होंने माफ़ी मांगते हुए कहा कि वह मस्जिद और मदरसा कहना चाहते थे, लेकिन मुंह से गुरुद्वारा निकल गया.
कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के दावों पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि भारतीय राजनयिक पर आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें कनाडा सरकार द्वारा निष्कासित करना कई सवाल खड़े करता है.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक तरफ बेटी पढ़ाओ और महिला उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ देश के लिए ओलंपिक पदक लाने वाली लड़कियां राष्ट्रीय राजधानी में न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उसे आरोपी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो भाजपा का नेता भी है.
भारतीय सेना में सिख सैनिकों के लिए पगड़ी की जगह हेलमेट शामिल करने के कथित प्रस्ताव की व्यापक आलोचना हो रही है. सिख संगठनों ने कहा है कि हमारी पहचान के प्रतीक के ऊपर हेलमेट लगाने की किसी भी कोशिश को हमारी पहचान ख़त्म करने की कोशिश के तौर पर देखा जाएगा. सरकार को तुरंत अपना फैसला वापस लेना चाहिए और प्रधानमंत्री को माफ़ी मांगनी चाहिए.
मुग़लों और सिख नेताओं में संघर्ष हुआ, लेकिन सिखों ने इस तथ्य को आज मुसलमानों पर हिंसा की राजनीति के लिए इस्तेमाल करने से गुरेज़ किया है. आरएसएस और भाजपा को यह बात खलती रही है. वे सिखों को मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा में शामिल करना चाहते हैं. इसलिए वे गुरु गोविंद सिंह या गुरु तेग़ बहादुर को याद करते हैं. इरादा इन्हें याद करने का जितना नहीं, उतना इस बहाने मुग़लों की ‘क्रूरता’ की याद को ज़िंदा रखने का
केंद्र की मोदी सरकार की पहल पर 26 दिसंबर को सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के बेटों ज़ोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत के उपलक्ष्य ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया गया. तमाम सिख संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाना महान शहादत को कमतर करने की एक दुर्भावनापूर्ण साज़िश है.
शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि फिल्म ‘दास्तान-ए-सरहिंद’ में 10वें सिख गुरु के साहिबज़ादों (पुत्रों) को फिल्माया गया है, जिसके कारण सिख समुदाय में काफी रोष है, इसलिए फिल्म की रिलीज़ पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और संवैधानिक पदों पर बैठे भाजपा नेता सीधे तौर पर एसजीपीसी चुनाव में दख़ल दे रहे हैं.
सिख उग्रवादी बलविंदर सिंह जटाना के नेतृत्व में उग्रवादियों ने मुख्य अभियंता एमएल सेखरी और अधीक्षण अभियंता अवतार सिंह औलख की हत्या कर दी थी, जो 23 जुलाई, 1990 को सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण की देखरेख कर रहे थे, जिसके बाद पंजाब सरकार ने इस पर काम रोक दिया था.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने कहा कि कम से कम 110 अफ़ग़ान-सिख अब भी वहां फंसे हुए हैं और उनमें से 60 को अभी तक अपना ई-वीज़ा नहीं मिला है. जून में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में सिखों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. इस हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई थी.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि आरएसएस द्वारा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश के चलते अल्पसंख्यकों की धार्मिक आज़ादी का दमन किया जा रहा है. अल्पसंख्यकों को दबाने वालों को सज़ा दी जानी चाहिए. इसके साथ ही मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों की आलोचना करने हुए एक अन्य प्रस्ताव पारित किया गया.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के 36 साल पूरे होने के मौक़े पर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि दुनिया का हर सिख खालिस्तान चाहता है, अगर भारत सरकार इसकी पेशकश करेगी, तो हम इसे स्वीकार करेंगे.
यह प्रस्ताव पंजाब सरकार के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा द्वारा लाया गया. उन्होंने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने जीवनभर जाति और लिंग आधारित भेदभाव के ख़िलाफ़ संघर्ष किया और महिलाओं के ख़िलाफ़ इस भेदभाव का भी अंत होना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में पंजाब संगठित अपराध नियंत्रण कानून जैसे कड़े कानून की वकालत की.