सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए बीते एक जुलाई को कहा था कि उनकी ‘बेलगाम ज़ुबान’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है और उन्हें इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए. पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे. इस फटकार के बाद सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के साथ जजों को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं.
फेसबुक के अलावा मेटा के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम ने समान अवधि के दौरान 12 श्रेणियों में क़रीब 41 लाख सामग्रियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की. मेटा के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए मई में 19 लाख से अधिक भारतीय एकाउंट पर रोक लगाई गई.
एक्सक्लूसिव: द वायर की पड़ताल में गुजरात के एक भाजयुमो नेता से जुड़े ट्विटर एकाउंट्स का एक नेटवर्क सामने आया है, जिसका इस्तेमाल ऑल्ट न्यूज़ के ख़िलाफ़ संगठित हमले करने के लिए किया गया था.
राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या के दो आरोपियों में से एक रियाज़ अटारी की तस्वीरें राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद्र कटारिया और रवींद्र श्रीमाली के साथ सामने आई हैं. कथित तौर पर रियाज़ को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के दो नेताओं ने पोस्ट भी लिखे हैं. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या एक आरोपी के ‘भाजपा सदस्य’ होने के कारण ही केंद्र ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपने का
साक्षात्कार: हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा की वेबसाइट रैपलर को वहां की सरकार ने बंद करने का आदेश दिया है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में मारिया ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि अगर वे आज अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते हैं, तो वे इन्हें हमेशा के लिए गंवा देंगे.
उदयपुर में हुई नृशंसता के बावजूद इस प्रचार को क़बूल नहीं किया जा सकता कि हिंदू ख़तरे में हैं. इस हत्या के बहाने जो लोग मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा प्रचार कर रहे हैं, वे हत्या और हिंसा के पैरोकार हैं. यह समझना होगा कि एक सुनियोजित षड्यंत्र चलाया जा रहा है कि किसी घटना पर हिंदू, मुसलमान एक साथ एक स्वर में न बोल पाएं.
उदयपुर ज़िले के धानमंडी थानाक्षेत्र में सिलाई करने वाले एक शख़्स की दिनदहाड़े हत्या के बाद उपजे तनाव के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शांति की अपील करते हुए अपराधियों पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मंदार विधानसभा सीट पर उपचुनाव प्रचार के लिए झारखंड आए थे. इस दौरान रांची हवाईअड्डे पर पहुंचने पर कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पार्टी की ओर से कहा गया है कि यह उसकी छवि को ख़राब करने की कोशिश है.
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, सहारनपुर समेत कई शहरों में बीते 10 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. यूपी पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ़्तार किया है और कुल 13 एफ़आईआर दर्ज की है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित अभद्र टिप्पणी करने वाले युवक की पहचान 19 साल अकरम अली के रूप में हुई. युवक ने 12 जून को अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ यह टिप्पणी पोस्ट की थी.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की ज़िलाधिकारी अपूर्वा दुबे की बीमार गाय के इलाज के लिए सात पशु चिकित्सा अधिकारियों की रोज़ाना लगी ड्यूटी का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस मामले को ज़िलाधिकारी ने उनके ख़िलाफ़ षड्यंत्र और दूषित मानसिकता बताया.
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में काकादेव इलाके से गिरफ़्तार व्यक्ति की पहचान गौरव राजपूत के रूप में हुई है. वहीं, राज्य के बलिया ज़िले में पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने एक अन्य युवक को भी गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
हैदराबाद के गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने हाल ही में अजमेर की ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नाराज़गी जताई थी. इसी को लेकर उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बॉडी स्प्रे ब्रांड ‘लेयर शॉट’ के एक विज्ञापन को सोशल मीडिया यूज़र्स ने आलोचना करते हुए ‘सामूहिक बलात्कार को बढ़ावा देने’ वाला कहा था. विज्ञापन क्षेत्र के नियामक एएससीआई ने भी इसे उनकी आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन बताया था. अब कंपनी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी भी महिला की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने या किसी तरह की संस्कृति को बढ़ावा देने का नहीं था.