बीते 6 अक्टूबर को एक सरकारी आदेश में कहा गया था कि एक केंद्रीय कार्य बल फैक्ट-चेक इकाई के तहत काम करेगा और इसका नेतृत्व एक मिशन निदेशक करेगा. यह क़दम कर्नाटक द्वारा सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों पर अंकुश लगाने के लिए एक फैक्ट-चेक इकाई स्थापित करने की घोषणा के दो महीने बाद आया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के एक व्यक्ति मोहम्मद इमरान क़ाज़ी के ख़िलाफ़ आईटी अधिनियम की धारा 67 और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामला रद्द करते हुए यह टिप्पणी की. यह केस इमरान द्वारा एक ग़ैर-क़ानूनी जमावड़े के लिए की गई अन्य व्यक्ति की पोस्ट लाइक करने पर दर्ज किया गया था.
बीते 23 अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस बीरेन वैष्णव ने कर मामलों की सुनवाई में मतभेद ज़ाहिर करने पर सहयोगी जस्टिस मौना भट्ट को फटकार लगाई थी. कार्यवाही के एक वीडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा होने के बाद कोर्ट ने अब इसे अपने आर्काइव से हटा दिया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे विभिन्न नेताओं के कई डीपफेक वीडियो और ग़लत जानकारी का हवाला देते हुए आईटी नियम, 2021 के तहत मैसेजिंग कंपनी को एक आदेश भेजने की प्रक्रिया में है, जहां वॉट्सऐप को किसी मैसेज को लेकर इसे सबसे पहले भेजने वाले (originator) का विवरण देना होगा.
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कथित तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन करके ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में एक मौलवी को गिरफ़्तार किया गया है. वहीं इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बरेली के एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को इज़रायल-हमास संघर्ष पर भारत सरकार के रुख़ का विरोध करने और फिलिस्तीन का समर्थन करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पुलिसकर्मियों ने एक सड़क दुर्घटना पीड़ित के शव को एक नहर में फेंक दिया था. यह मामला तब सामने आया जब इस कृत्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. राष्ट्रीय मानव आयोग ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के साथ मानवाधिकारों का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है.
पांच महीने से अधिक समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के गृह विभाग द्वारा जारी राज्यपाल के एक आदेश में कहा गया है कि हिंसा की तस्वीरें या वीडियो रखने वाले व्यक्ति इसे सोशल मीडिया पर फैलाने की बजाय पुलिस को दें. अगर किसी को ऐसी सामग्री प्रसारित करते पाया गया, तो उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में सोमवार सुबह सड़क किनारे चाय की दुकान से पैसे चुराने के संदेह में 12 साल के एक लड़के के साथ यह बर्बरता की गई. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पिटाई से लड़के को बांह और पीठ पर चोटें आई हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत सरकार पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप से पनपे तनाव के बीच कनाडा ने सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के बाद अपने राजनयिक और दूतावासों के लिए विएना संधि का हवाला देते हुए भारत से अधिक सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.
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सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को तीन महीने के भीतर ‘पुलिसकर्मियों द्वारा मीडिया ब्रीफिंग पर एक व्यापक मैनुअल’ तैयार करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग जो किसी आरोपी को फंसाती है, वह अनुचित है. पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से जनता में यह संदेह भी पैदा होता है कि उस व्यक्ति ने अपराध किया है. रिपोर्टिंग पीड़ितों की निजता का भी उल्लंघन कर सकती हैं.
उत्तराखंड के ऋषिकेश शहर में देवभूमि रक्षा अभियान नामक एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने पिछले सप्ताह दो मज़ारों को ध्वस्त कर दिया और कथित तौर पर अपने कृत्य को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया. उत्तराखंड पुलिस ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.
मैनपुरी के रहने वाले मोहित यादव यूपी रोडवेज़ में कंडक्टर का काम करते थे. बीते जून में दो बस यात्रियों को नमाज़ पढ़ने देने के लिए बस रोकने के दावे वाले एक वीडियो के सामने आने के बाद उन्हें और बस ड्राइवर को बर्ख़ास्त कर दिया गया था. परिजनों के अनुसार मोहित तनाव में थे. रविवार को उनका शव रेलवे ट्रैक पर मिला.