बिहार: रंगदारी देने से इनकार करने पर मवेशी ले जा रहे व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

घटना कटिहार ज़िले की है, जहां एक मवेशी व्यवसायी के कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर रंगदारी देने से मना करने पर मारपीट की गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

झारखंडः चोरी के आरोप में भीड़ ने दो युवकों को पीटा, एक की मौत

मामला बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र की गोविंदपुर कॉलोनी का है, जहां बैटरी चुराने के आरोप में भीड़ ने दो लोगों को बांधकर पीटा. पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.

जामुन का पेड़: कृश्न चंदर की वो कहानी, जिसे आईसीएसई ने पाठ्यक्रम से हटा दिया है

आईसीएसई ने प्रसिद्ध कहानीकार कृश्न चंदर की कहानी 'जामुन का पेड़' को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया है. काउंसिल का कहना है कि यह दसवीं के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त नहीं है.

आज हिंदुस्तानी मुसलमान को एक नए सामाजिक आंदोलन की ज़रूरत है

आज बहुत सुनियोजित ढंग से आरएसएस परिवार को छोड़कर सारी आवाज़ों को दबा दिया गया है. अगर कोई आवाज़ उठती भी है तो वह सिर्फ उनकी होती है, जो मुसलमानों को पिछड़ा, दकियानूसी और क़बायली साबित करती हैं.

सड़कों पर नाम-पता पूछने वाला ‘जय श्रीराम’ अब भेस बदलकर स्कूलों में पांव पसार रहा है

मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.

क्या नौकरशाही देश के गरीबों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है?

वीडियो: देश के प्रशासन में नौकरशाही पर आई पूर्व आईएएस अधिकारी नरेश चंद्र सक्सेना से उनकी किताब 'व्हाट एल्स द आईएएस एंड व्हाय इट फेल्स टू डिलीवर' पर बात कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.

अल्पसंख्यकों को क़ानूनी संरक्षण के बावजूद भारत में हो रहीं हिंसा-भेदभाव की घटनाएं: अमेरिका

दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों के लिए अमेरिका के विदेश मंत्रालय की राजदूत एलिस वेल्स ने अमेरिकी सदन में कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएं, स्वयंभू गो-रक्षकों द्वारा दलितों और मुस्लिमों पर हमले जैसी घटनाएं भारत द्वारा अल्पसंख्यकों को प्रदत्त कानूनी संरक्षण के अनुरूप नहीं हैं.

महिला सशक्तिकरण पर भारतीय जनता पार्टी के खाने के दांत अलग हैं और दिखाने के अलग

ऐसे में जब देश में महिलाओं का कोई वास्तविक प्रतिनिधित्व ही नहीं बचा और सरकार में नारी शक्ति की मिसाल मानी जाने वाली तथाकथित जुझारू नेता भाजपा नेताओं या समर्थकों द्वारा किए उत्पीड़न के कई मामलों पर मुंह सिलकर बैठ चुकी हैं, तो कैसे सरकार से किसी न्याय की उम्मीद लगाई जाए?

यह प्रार्थना पर नहीं बल्कि हिंदू समाज के दिलो-दिमाग के सिकुड़ने पर दुख मनाने का वक़्त है

विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?

क्या मुस्लिम लड़कियों को तालीम के नाम पर ग़ुलाम बनाने की कोशिश की गई है?

वीडियो: मुस्लिम लड़कियों को लड़कों से अलग शिक्षा दिए जाने के सवाल उठने पर चंद मुस्लिम महिलाओं की सफलता की मिसाल दी जाती है, लेकिन क्या एक आम घर की मुस्लिम लड़की को शिक्षा का वही अधिकार और माहौल मिलता है, जिसके दावे किए जाते हैं?

समाज में खुलेआम नफरत की भावना परेशान करने वाली है: नसीरूद्दीन शाह

मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की निंदा करने वाले साहित्य और कला क्षेत्र की 180 से अधिक हस्तियों में अभिनेता नसीरूद्दीन शाह भी शामिल थे.

दुर्गा पूजा में राम की जयकार के क्या मायने हैं?

दुर्गा अब राष्ट्रवाद की गुलाम बना ली गई हैं. फिर उनसे वही काम लिया जा रहा है, जो कभी डरपोक-कपटी देवताओं ने उनकी आड़ में महिषासुर पर वार करके लिया था. अब दुर्गा की आड़ में आक्रमण मुसलमानों पर किया जा रहा है और हम, जो खुद को दुर्गा का भक्त कहते हैं, यह होने दे रहे हैं.

झारखंड: चोरी के संदेह में युवक की पीट-पीटकर हत्या

मामला झारखंड के कोडरमा जिले का है. रेलवे कॉलोनी में चोरी के शक में स्थानीय लोगों ने करीब 30 वर्षीय सुनील कुमार यादव की कथित तौर पर पिटाई कर दी. इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान सुनील की मौत हो गई.

एक दिन देश के अराजनीतिक बुद्धिजीवियों से भोली-भाली जनता करेगी कुछ सवाल…

'अराजनीतिक बुद्धिजीवी' शीर्षक की यह कविता ग्वाटेमाला के क्रांतिकारी कवि ओतो रेने कास्तियो ने लिखी थी, जिन्हें ग्वाटेमाला की फौज ने 19 मार्च 1967 को जान से मार दिया था.

दिल्ली की आम जनता की उम्मीदों पर कितने खरे उतरे मोहल्ला क्लीनिक?

ग्राउंड रिपोर्ट: स्वास्थ्य सेवाओं को जन सुलभ बनाने के उद्देश्य से 2016 में दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की थी. सरकार का वादा एक हज़ार क्लीनिक खोलने का था, लेकिन फिलहाल दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे 210 क्लीनिक काम कर रहे हैं.

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