नशा शराब में होता तो नाचती बोतल. बिहार में उल्टा हो रहा है. बोतल नाच नहीं रही है, बोतल के पीछे बिहार नाच रहा है. बिहार में बोतल मिल रही है लेकिन विधानसभा में बोतल का मिल जाना सारी कल्पनाओं की पराकाष्ठा है.
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा भवन परिसर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर दोपहिया वाहनों के पार्किंग स्थल के रूप में चिह्नित क्षेत्र में शराब की कुछ ख़ाली बोतलें मिली थीं, जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और उसके सेवन को रोक पाने में नीतीश सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया.
बिहार में अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी के बावजूद मौत के ये मामले सामने आए हैं. मौत के नए मामले समस्तीपुर ज़िले से आए हैं. मृतकों में सेना के एक जवान और बीएसएफ के एक कर्मचारी भी शामिल हैं. इससे पहले गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण ज़िलों में ज़हरीली शराब के सेवन से कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई थी.
बिहार के गोपालगंज और पश्चिम चंपारण ज़िलों में इन लोगों की मौत हुई है. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दोनों ज़िलों के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. राज्य में अप्रैल 2016 से शराब के सेवन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है.
बिहार के गोपालगंज और पश्चिम चंपारण ज़िलों की घटना. पिछले दो दिनों में कथित तौर पर नकली शराब के सेवन से इन लोगों की जान गई और कई अन्य बीमार हो गए हैं. हालांकि दोनों ज़िलों के प्रशासन ने अब तक मौतों के कारणों की पुष्टि नहीं की है.