कश्मीर प्रेस क्लब ने पत्रकारों और मीडिया संगठनों के लिए इंटरनेट और टेलीफोन सुविधा बहाल करने की मांग करते हुए प्रशासन द्वारा कुछ पत्रकारों से सरकारी आवास खाली करने के आदेश की आलोचना की है.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर के सौरा में हुए एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ यह युवक पैलेट लगने से घायल हो गया था. हालांकि सेना का कहना है कि युवक की मौत पैलेट से लगी चोट से नहीं बल्कि पथराव से हुई है.
कश्मीरी पत्रकार और लेखक गौहर गिलानी ने कहा कि वह जर्मनी के मीडिया संगठन डॉयचे वेले के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जर्मनी जा रहे थे लेकिन उन्हें दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर रोक लिया गया.
कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से एक दिन पहले 4 अगस्त को पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि वे इस निर्णय को लेकर लोगों को प्रभावित कर सकते थे.
श्रीनगर से ग्राउंड रिपोर्ट: मुख्यधारा के मीडिया में आ रही कश्मीर की ख़बरों में से 90 प्रतिशत झूठी हैं. कश्मीर के हालात मामूली प्रदर्शनों तक सीमित नहीं हैं और न ही यहां कोई सड़कों पर साथ मिलकर बिरयानी खा रहा है.
राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटने के बाद के बाद से राज्य में बंद है. एक अधिकारी ने बताया कि पैलेट से घायल 36 लोगों में से 8 बंद के पहले हफ्ते में घायल हुए थे. इस दौरान पत्थरबाजी की 200 घटनाएं हुईं.
मीडिया बोल के इस अंक में कश्मीर में मीडिया प्रतिबंध पर प्रेस काउंसिल के कदम पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर झा, जयशंकर गुप्त और कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन से चर्चा कर रहे हैं.
यूरोलॉजी में गोल्ड मेडल विजेता ओमर सलीम अख़्तर को तब गिरफ़्तार कर लिया गया जब वे मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान वे लगातार कह रहे थे कि वे केवल मानवता संकट पर ध्यान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं, लेकिन यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान या कोई दूसरा देश इसमें दखल नहीं दे सकता.
कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से लोग अपने मामलों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं. यहां तक कि सरकारी विभाग भी अपनी पैरवी करने के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके.
कश्मीर घाटी में 22वें दिन भी दुकानें और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे. श्रीनगर के लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में अब भी लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बंद हैं. मोबाइल सेवाएं और बीएसएनएल ब्रॉडबैंड तथा इंटरनेट संबंधी अन्य सेवाएं पांच अगस्त से ही बंद हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर थे, इसलिए वे जम्मू कश्मीर राज्य में अलग से अनुच्छेद 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे. इसी वजह से बसपा ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया.
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को अपना झंडा रखने की इजाजत थी. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद राज्य के झंडे को अन्य इमारतों से भी हटाया जाएगा.