देश के पच्चीस उच्च न्यायालयों में जजों के 327 पद ख़ाली: रिपोर्ट

देश में सभी उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 1,114 है, जिसमें 29.4% पद खाली पड़े हैं. केवल पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा, गुजरात, बॉम्बे और कलकत्ता  में 1 अप्रैल तक 171 रिक्तियां थीं, जो कुल रिक्तियों का 52% से अधिक है.

उत्तराखंड: भ्रामक विज्ञापनों के चलते पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द

उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स, 1945 के बार-बार उल्लंघन के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम-वीवीपीएटी के सौ फ़ीसदी सत्यापन से जुड़ी याचिका ख़ारिज की

आदालत ने अपने फैसले में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ईवीएम में सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने पर सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाना चाहिए और और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए. 

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किस राह पर चले न्यायाधीश?

वीडियो: पिछले दस बरस देश की विभिन्न संस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं. नरेंद्र मोदी के पिछले दस सालों के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश किस राह पर चले, संविधान के अभिभावक संवैधानिकता की कितनी रक्षा कर पाए, इस बारे में क़ानूनी मामलों पर लिखने वाले पत्रकार सौरव दास से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.

पश्चिम बंगाल: हाईकोर्ट के शिक्षक नियुक्तियां रद्द करने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

बीते 22 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग द्वारा 25,753 शिक्षकों और ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया. इसे चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि इन कर्मचारियों की सेवाओं को अचानक समाप्त कर राज्य में स्कूली शिक्षा को संकट में डाल दिया है, जिससे शिक्षा प्रणाली के लगभग ठप हो जाने का ख़तरा है.

सरकार में आने पर चुनावी बॉन्ड योजना को फिर वापस लाएंगे: वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ख़ारिज की गई चुनावी बॉन्ड योजना चुनावी चंदे में पारदर्शिता लेकर आई थी, इसमें कुछ सुधार की ज़रूरत है, सभी हितधारकों से परामर्श के बाद इसे किसी और रूप में वापस लाया जा सकता है.

पतंजलि योगपीठ को योग शिविरों में प्रवेश शुल्क लेने पर ‘सेवा कर’ भुगतान करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि ट्रस्ट की तरफ से आयोजित योग शिविरों में शामिल होने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है, लिहाजा यह 'स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा' की श्रेणी में आता है और इस पर 'सेवा कर' लगेगा.

केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के संचालन पर करदाताओं के 14 करोड़ रुपये ख़र्च किए: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी बताती है कि कुल 30 चरणों में हुई चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर कमीशन के रूप में 12,04,59,043 रुपये का ख़र्च आया और बॉन्ड की छपाई की लागत 1,93,73,604 रुपये रही.

ईवीएम पर उठते सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग ख़ारिज की

शीर्ष अदालत में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने कहा कि वे अभी तक नहीं भूले हैं कि जब मतपत्रों के माध्यम से वोट डाले जाते थे, तो क्या होता था.

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