हेट स्पीच के लिए प्रशासनिक तंत्र बनाने पर विचार, व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते: अदालत

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि नफ़रत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) को अदालत ने परिभाषित किया है. अब सवाल कार्यान्वयन और समझने का है कि इसे कैसे लागू किया जाए. हम व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते. अगर हम व्यक्तिगत मामलों से निपटना शुरू कर देंगे तो इससे मामलों की बाढ़ आ जाएगी.

मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लावारिस शवों का सम्मान से अंतिम संस्कार सुनिश्चित करे सरकार

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि शवों को अनिश्चितकाल तक मुर्दाघर में नहीं रखा जा सकता. अदालत में दी गई दलीलों के अनुसार, 88 पहचाने गए शव मुर्दाघर में हैं, जिन पर उनके परिजनों ने दावा नहीं किया है. छह शवों की कथित तौर पर पहचान नहीं हुई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए अदालतों से कहा- बिना बाध्यकारी कारणों के सुनवाई स्थगित न करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संसद और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश इन विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुविधा सुनिश्चित करेंगे और इन्हें ऐसी तकनीक अपनाने के लिए भी सक्षम बनाएंगे, जो प्रभावी कामकाज के लिए व्यवहारिक हो.

राज्यपाल द्वारा किसी विधेयक को अपनी सहमति न दिए जाने से वह ख़त्म नहीं हो जाता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि विधायिका द्वारा प्रस्तावित क़ानून केवल इसलिए समाप्त नहीं हो जाता, क्योंकि राज्यपाल उस पर सहमति देने से इनकार कर देते हैं. अंतिम निर्णय विधायिका का है, न कि राज्यपाल का. एक बार जब सदन लौटाया गया विधेयक दोबारा पारित करता है तो राज्यपाल के पास सहमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता.

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के राज्यपाल से लंबित विधेयकों पर उसके पूर्व आदेश का अध्ययन करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट केरल सरकार द्वारा लंबित विधेयकों को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. पंजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्यपाल अनिश्चितकाल तक विधेयकों को लंबित नहीं रख सकते हैं. राज्यपाल ‘एक प्रतीकात्मक प्रमुख हैं और वे राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई नहीं रोक सकते’.

राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चितकाल तक लंबित नहीं रख सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पंजाब सरकार की राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के ख़िलाफ़ याचिका पर अपने फैसले में यह स्पष्ट किया, जिन्होंने राज्य सरकार द्वारा उन्हें भेजे गए विधेयकों को लंबित रखा था. अदालत ने कहा कि राज्यपाल ‘एक प्रतीकात्मक प्रमुख हैं और वे राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई नहीं रोक सकते’.

केरल का औषधि नियंत्रण विभाग पतंजलि पर मुक़दमा चलाएगा, 29 भ्रामक विज्ञापनों की सूची बनाई गई

केरल के औषधि नियंत्रण विभाग ने यह क़दम कन्नूर स्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू की शिकायत पर उठाया है. विभाग ने कहा है कि बाबू ने पतंजलि के विज्ञापनों के 29 उदाहरणों का दस्तावेज़ीकरण किया है, जो कथित तौर पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 का उल्लंघन करते हैं.

वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट के जज बोले- किसान का पक्ष जाने बिना उसे खलनायक न बनाएं

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान खंडपीठ के दो जज एक-दूसरे से भिन्न मत रखते हुए देखे गए, जहां जस्टिस सुधांशु धूलिया ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि उसे भी सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए, वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने किसानों के ख़िलाफ़ सख़्ती बरते जाने की बात कही.

कोटा में छात्र आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को निशाना नहीं बना सकते: सुप्रीम कोर्ट

राजस्थान के कोटा शहर में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को जवाबदेह ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के कारण आत्महत्याएं नहीं हो रही हैं. आत्महत्याएं होती हैं, क्योंकि माता-पिता बच्चों से अधिक अपेक्षाएं रखते हैं, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाते.

सुप्रीम कोर्ट ने दो सिख वकीलों की हाईकोर्ट जज बनाने को मंज़ूरी न देने पर केंद्र को फटकार लगाई

हरमीत सिंह ग्रेवाल और दीपिंदर सिंह नलवा उन पांच वकीलों में शामिल थे, जिनकी सिफारिश कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए की थी. केंद्र सरकार ने तीन अन्य नामों की नियुक्ति को तो अधिसूचित कर दिया, लेकिन ग्रेवाल और नलवा के नामों को मंज़ूरी नहीं दी थी.

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