आम तौर पर निर्वाचन आयोग तीन आयुक्तों की अध्यक्षता में काम करता है, अब उसमें केवल एक सदस्य- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: यह बेहद चिंता की बात है कि ज़्यादातर लोग लोकतंत्र में सत्तारूढ़ शक्तियों द्वारा हर दिन की जा रही कटौतियों या ज़्यादतियों को लेकर उद्वेलित नहीं हैं और उन्हें नहीं लगता कि लोकतंत्र दांव पर है. स्थिति यह है कि लगता है कि लोक ही लोकतंत्र को पूरी तरह से तंत्र के हवाले कर रहा है.
भारतीय स्टेट बैंक का सारा कामकाज डिजिटल प्रणाली से होता है. किसी भी तरह का रिकॉर्ड या जानकारी हासिल करना हो तो केवल एक क्लिक से हो जाता है. पर बैंक पूरे देश के सामने झूठ बोल रहा है कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी हासिल करने में काफी वक़्त लगेगा. यह झूठ किसके दबाव में बोला जा रहा है?
वीडियो: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा राज्य के संदेशखाली में महिला ग्रामीणों के यौन शोषण के आरोपों पर वहां के आम लोगों से बातचीत.
महाराष्ट्र के एक प्रोफेसर के ख़िलाफ़ जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की आलोचना करने और पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देने के चलते एफआईआर दर्ज की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू कश्मीर की स्थिति में किए गए बदलाव की आलोचना करने का हक़ है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े विवरण चुनाव आयोग को सौंपने की समयसीमा निकलने के बीच बैंक की वेबसाइट से चुनावी बॉन्ड से जुड़े कुछ दस्तावेज़ हटा दिए गए हैं. डिलीट किए गए वेबपेज में चंदा देने वालों के लिए निर्धारित दिशानिर्देश और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न या एफएक्यू शामिल हैं.
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पहली बार चुनावी बॉन्ड पेश किए जाने के समय आर्थिक मामलों के सचिव रहे पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड की जानकारी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है, उपलब्ध कराने के लिए 'एक दिन से ज़्यादा के समय की ज़रूरत' नहीं है.
एसबीआई ने 5 मार्च को शीर्ष अदालत से राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे या भुनाए गए सभी चुनावी बांड्स का विवरण देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. इसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.
वीडियो: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय के इस्तीफ़ा देने के बाद भाजपा में शामिल होने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज गोविंद माथुर से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना का विवरण पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगने के बाद सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि इस विवरण का खुलासा करने में एसबीआई की अनिच्छा कुछ और नहीं बल्कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का एक प्रयास है.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट के चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने के बाद स्टेट बैंक ने इसके द्वारा मांगे गए विवरण देने के लिए जून तक की मोहलत मांगी है. इसे लेकर विभिन्न जानकारों ने सवाल उठाए हैं. इसी विषय में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज गोविंद माथुर से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
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दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा, जो 90 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हैं और ह्वीलचेयर पर रहते हैं, पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे. साल 2014 में गिरफ़्तार किए गए साईबाबा के अब रिहा होने की संभावना है.
15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते समय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को आदेश दिया था कि वह अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक दे, जिसे चुनाव आयोग 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट प्रकाशित करेगा.