सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सीआरपीसी की धारा 197(1) जो सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ अपराध का संज्ञान लेने के लिए सरकार से पूर्व अनुमति अनिवार्य करती है, वह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) पर भी लागू होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में एक नागरिक परियोजना के लिए अवैध रूप से आवासीय मकानों को गिराए जाने के संबंध में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कार्रवाई को ज्यादती बताते हुए कहा, 'आप बुलडोज़र के साथ नहीं आ सकते और रातों-रात घर नहीं गिरा सकते.'
एक राष्ट्रीय दैनिक से जुड़े कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बहुत सारे वर्ग या समूह हैं, जो कहते हैं कि अगर आप मेरे पक्ष में फैसला करते हैं, तो आप स्वतंत्र हैं. अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करते हैं, आप स्वतंत्र नहीं हैं. इसी बात से मुझे आपत्ति है.
सुप्रीम कोर्ट की पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल पर 'स्थायी प्रतिबंध' लगाने को लेकर स्पष्ट 'फैसला' लेने की टिप्पणी दीपावली के तीन दिन बाद आई, जब दिल्ली का प्रदूषण अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार केस की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए हर सप्ताह यूपी के एक थाने में हाजिरी लगाने को कहा था. अब यह शर्त हटा दी गई है.
इस अगस्त में कुछ वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा देने के संबंध में हुई उच्चतम अदालत की एक फुल कोर्ट मीटिंग के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को कुछ न्यायाधीशों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था.
सितंबर 2022 में कांग्रेस के आठ विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल का दो-तिहाई हिस्सा होने का दावा करते हुए भाजपा में 'विलय' की घोषणा की थी. गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने विधानसभा अध्यक्ष से इन सभी को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक ज़मानत आदेश, जिसमें ज़मानत के लिए असामान्य रूप से प्रतिबंधात्मक शर्तें लगाई गई थीं, के ख़िलाफ़ अपील सुनते हुए कहा कि ज़मानत की शर्तें आनुपातिक होनी चाहिए, जो नागरिक स्वतंत्रता को बाधित न करें.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि जब भी उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्यों और केंद्र में सरकारों के प्रमुखों से मिलते हैं, तो वे कभी भी लंबित मामलों पर चर्चा नहीं करते हैं. बैठकें अक्सर प्रशासनिक मामलों से जुड़ी होती हैं.
1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर शामिल हुए जस्टिस संजीव खन्ना साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में जज बने थे. 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बतौर प्रोन्नत किया गया था. वे 13 मई 2025 तक सीजेआई का पद संभालेंगे.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रतीक चिह्न और ‘लेडी जस्टिस’ की प्रतिमा में किए गए बदलाव के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव भी पारित किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों और अन्य धार्मिक संस्थानों के बीच तुलना करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि धार्मिक शिक्षा से संबंधित मुद्दे किसी एक समुदाय के लिए अनोखे नहीं हैं. सभी धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों में विनियमन की व्यापक आवश्यकता है.
असम के शिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के ख़िलाफ़ यह मामला 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए आंदोलन से जुड़ा है. यह राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उनके खिलाफ दर्ज उन दो मामलों में से एक है, जो हिंसक हो गया था.
भारत के इतिहास में यह दर्ज किया जाएगा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता की इमारत जब गिराई जा रही थी, हमारे कई न्यायाधीशों ने उसकी नींव खोदने का काम किया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का नाम सुर्ख़ियों में होगा.
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल याचिका में कहा गया था कि उपराज्यपाल को विधानसभा सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने वाले मौजूदा प्रावधान संविधान की मूल भावना और संरचना के ख़िलाफ़ हैं. उन्हें यह नामांकन करने से पहले मंत्रिपरिषद से सलाह लेनी चाहिए.