सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा को नियोक्ताओं के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के निवासियों को 75 फ़ीसदी आरक्षण देने संबंधी हरियाणा सरकार के क़ानून पर तीन फरवरी को अंतरिम रोक लगा दी थी. इस फ़ैसले को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने अंग्रेजी और कन्नड़ भाषाओं में ट्वीट कर हिजाब के विरोध में अदालत में याचिकाएं दायर करने वाली छात्राओं की निजी जानकारी साझा कर दी थी, जिसमें छात्राओं के नाम, उनके पते और उनके परिजनों के नाम सहित उनकी निजी जानकारियां शामिल थीं. हालांकि विवाद के बाद इन्हें ट्विटर से हटा दिया गया.
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के ख़िलाफ़ विरोध जताते हुए मंगलवार को आगरा में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने भगवा वस्त्र पहनकर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए ताजमहल परिसर में घुसने का प्रयास किया. पुलिस ने उन्हें चुनाव आचार संहिता और धारा 144 लगने की वजह से बीच रास्ते में ही रोक लिया. बाद में विरोध स्वरूप कार्यकर्ताओं ने थाना हरीपर्वत में हनुमान चालीसा का पाठ किया.
62 वर्षीय मोहम्मद क़मर को अगस्त, 2011 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें वीज़ा अवधि से अधिक समय तक देश में रहने के लिए दोषी ठहराया था. छह फरवरी, 2015 को सज़ा पूरी करने के बाद वह साल 2015 में दिल्ली स्थित डिटेंशन सेंटर में पाकिस्तान निर्वासन के लिए भेजे गए थे. हालांकि, पाकिस्तान ने उसके निर्वासन को स्वीकार नहीं किया और वह अभी भी डिटेंशन सेंटर में ही हैं.
चारधाम परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि समिति के निर्देश और सिफ़ारिशों को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने या तो अनदेखा किया या उस पर देर से प्रतिक्रिया दी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सीएए के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित क़ानून के विरुद्ध है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.
एक हज़ार से अधिक नारीवादियों, लोकतांत्रिक समूहों, शिक्षाविदों, वकीलों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने कैंपस में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को निशाना बनाने की घटना की निंदा करते हुए इसे मुस्लिम युवतियों के साथ भेदभाव का नवीनतम बहाना क़रार दिया.
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से लोकसभा सांसद आज़म ख़ान पिछले दो सालों से जेल में हैं. उन पर दर्ज 87 मामलों में से 84 में उन्हें ज़मानत मिल चुकी है. शेष जिन तीन मामलों वे हिरासत में हैं, उनमें ज़मानती प्रक्रिया ऐसी अंतहीन बाधाओं का शिकार है जहां कभी सुनवाई का आवेदन रहस्यमय ढंग से ग़लत कोर्ट में पहुंच जाता है, तो कभी सुनवाई के रोज़ केस की फाइल ही खो जाती है.
कर्नाटक के कॉलेज में पिछले महीने से हिजाब पहनने को लेकर मचे विवाद से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कक्षाओं में हिजाब और भगवा शॉल नहीं ले जाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि वह प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा और हाईकोर्ट के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ‘उचित समय’ पर विचार करेगा.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की अतिरिक्त जज पुष्पा वी. गनेडीवाला ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो और आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए शख़्स को पॉक्सो से बरी करते हुए कहा था कि त्वचा से त्वचा के संपर्क के बिना यौन हमला नहीं माना जा सकता. उनके इस्तीफ़े की वजह पदोन्नति न होना बताया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मध्य प्रदेश की उस महिला न्यायिक अधिकारी को पद पर बहाल किया जाए, जिसने 2014 में हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और जांच के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. न्यायालय ने कहा कि महिला के इस्तीफ़े को स्वेच्छा से दिया गया त्याग-पत्र नहीं माना जा सकता.
कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ छात्राओं की शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के विरोध के ख़िलाफ़ दायर याचिकाएं सुन रही है. पीठ ने कहा कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक छात्र परिसर में ऐसे कोई वस्त्र पहनने पर ज़ोर न दें जिससे लोगों को उकसाया जा सके. कोर्ट ने यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थान दोबारा कक्षाएं शुरू कर सकते हैं.
मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को एल्गार परिषद मामले के सात आरोपियों- रोना विल्सन, आनंद तेलतुंबडे, वर्नोन गॉन्जाल्विस, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, हेनी बाबू और शोमा सेन के मोबाइल फोन सौंपने की एनआईए की अर्ज़ी को मंज़ूरी दी है. इन सभी का आरोप है कि पेगासस के ज़रिये उनके फोन में सेंधमारी की गई थी.
मामला बीते साल त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद की गई सोशल मीडिया पोस्ट करने वालों से जुड़ा है. कोर्ट के आदेश के बावजूद इन लोगों को नोटिस भेजने को लेकर अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने लोगों को परेशान करना बंद नहीं किया, तो वह राज्य के गृह सचिव और संबंधित पुलिस अधिकारियों को तलब करेंगे.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि कोविड-19 से हुईं मौतों के आंकड़े सही और वास्तविक नहीं हैं, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि पीड़ितों के परिजनों द्वारा किए गए मुआवज़े संबंधी आवेदन फ़र्ज़ी हैं.