एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि उन्होंने सात याचिकाकर्ताओं के आईफोन का विश्लेषण किया, जिनमें से दो में पेगासस से सेंधमारी की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हलफनामे में विशेषज्ञ ने बताया कि जांचे गए छह एंड्रॉयड फोन में से चार में इस मालवेयर के अलग-अलग वर्ज़न मिले जबकि दो में पेगासस के मूल वर्ज़न के साक्ष्य मिले.
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मुद्दे पर सदन को गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है. भाकपा सांसद विनय विश्वम ने भी उनके ख़िलाफ़ ऐसा ही नोटिस राज्यसभा में दिया है. पेगासस जासूसी से जुड़ीं ख़बरों पर वैष्णव ने पिछले साल दोनों सदनों में कहा था कि ये रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास है.
फिनलैंड के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. उसने कहा कि वह पिछले साल से पेगासस के इस्तेमाल की जांच कर रहा था और साथ ही कहा कि जासूसी अब नहीं की जा रही है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि बेहद जटिल मालवेयर से उपयोगकर्ताओं के एप्पल या एंड्रॉयड फोन में घुसपैठ की गई है. यह उनकी जानकारी के बिना किया गया.
सरकार के विरोधियों पर पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल किए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में पोलैंड के सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ‘लॉ एंड जस्टिस’ के नेता और उप-प्रधानमंत्री जारोस्लाव कैकजिंस्की कहा कि इसका इस्तेमाल कई देशों का खुफ़िया विभाग अपराध और भ्रष्टाचार से निपटने में कर रहा है. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि इसका इस्तेमाल उनके राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में किया जा रहा है.
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर नागरिकों से यह भी बताने को कहा है कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि उनके मोबाइल फोन में इज़रायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित पेगासस स्पायवेयर से सेंध लगाई गई होगी. जांच के लिए उन्हें अपना फोन दिल्ली में जमा करना होगा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की समानांतर जांच पर नाखुशी व्यक्त की, क्योंकि शीर्ष अदालत द्वारा एक स्वतंत्र जांच पैनल का गठन किया गया है. पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.
अमेरिकी सांसदों ने वित्त विभाग और विदेश विभाग को पत्र भेजकर एनएसओ के शीर्ष अधिकारियों, संयुक्त अरब अमीरात की साइबरसिक्योरिटी कंपनी डार्कमैटर, यूरोपीयन ऑनलाइन बल्क सर्विलांस कंपनियों नेक्सा टेक्नोलॉजीज और ट्रोविकोर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.