ख़ुफ़िया एजेंसियों ने प्रस्तावित निजता के अधिकार क़ानून से 'पूरी छूट' मांगी थी, जिसे मोदी सरकार ने स्वीकार कर लिया और नागरिकों को अवैध सर्विलांस से सुरक्षित करने के लिए कानून लाने के एक दशक पुराने आश्वासन को प्रभावी रूप से ख़त्म कर दिया.
लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान डाकघर विधेयक 2023 पर निराशा व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नागरिकों की जासूसी करने के लिए मनमानी शक्तियां मांग रही है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से हमारी सरकार ने ख़ुद को जज, जूरी और जल्लाद बनाने की मांग की है.
साक्षात्कार: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ ह्विटेकर का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित किया जाना चाहिए. साथ ही वे मानती हैं कि यूज़र्स की निजता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के एक नए युग की शुरुआत और सोशल मीडिया पर राजनीतिक हस्तक्षेप को अस्वीकार करने का वादा किया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, 27 अक्टूबर 2022 से 27 अप्रैल 2023 तक ट्विटर को भारत से 971 अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिसमें से उनसे 808 का पूरी तरह से पालन किया है.
संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की एक रिपोर्ट आयात संबंधी दस्तावेज़ों के हवाले से बताती है कि 2017 में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी ने इज़रायली कंपनी एनएसओ समूह से ऐसा हार्डवेयर खरीदा था, जो पेगासस स्पायवेयर के लिए इस्तेमाल जाने वाले उपकरणों के विवरण से मेल खाता है.
विवादित स्पायवेयर पेगासस की निर्माता इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलिओ एक साल से भी कम समय के अंदर इस पद से इस्तीफ़ा देने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. कंपनी का कहना है कि उनके चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी यारोन शोहात अंतरिम आधार पर फर्म का कामकाज और प्रबंधन देखेंगे.
विवादास्पद स्पायवेयर पेगासस के दुरुपयोग के आरोपों के चलते भारत सहित दुनिया भर में चर्चित हुआ इज़रायली प्रौद्योगिकी फर्म एनएसओ ग्रुप की यूरोपीय संघ में बड़ी मौजूदगी सामने आई है. मीडिया में आई एक ख़बर के मुताबिक, यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 12 देशों में एनएसओ के कम से कम 22 अनुबंध हैं.
18 जुलाई 2021 से पेगासस प्रोजेक्ट के तहत एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर सहित विश्व के 17 मीडिया संगठन शामिल थे, ने ऐसे मोबाइल नंबरों के बारे में बताया था, जिनकी पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी की गई या वे संभावित सर्विलांस के लक्ष्य थे. इसमें कई भारतीय भी थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी जांच के लिए गठित समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट दिया जाना बाक़ी है.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति पेगासस स्पायवेयर प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं. शीर्ष अदालत कथित जासूसी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाली पत्रकारों और मीडिया संगठनों द्वारा दाख़िल की गईं याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
स्पेन की शीर्ष इंटेलिजेंस एजेंसी सीएनआई की निदेशक पाज़ एस्तेबान को पद से हटा दिया गया. यह निर्णय ऐसे में आया है, जब एस्तेबान ने बीते सप्ताह देश की एक संसदीय समिति के समक्ष स्वीकारा था कि एजेंसी ने न्यायिक अनुमति मिलने के बाद कैटेलोनिया के कई अलगाववादियों के फोन क़ानूनी तरीके से हैक किए थे.
स्पेन के अधिकारियों ने बताया कि मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. वहीं, रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.
स्पेन ने कैटलोनिया की स्वतंत्रता के दर्जनों समर्थकों के फोन विवादित जासूसी स्पायवेयर से हैक किए जाने के आरोपों की जांच शुरू करने के साथ पूरी पारदर्शिता बरतने का वादा किया है. हालांकि स्पेन की सरकार ने अब तक न तो पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया है और न ही पुष्टि की है.
फंड का प्रबंधन करने के लिए कंसल्टेंसी कंपनी द्वारा अदालत में दी गई जानकारी के मुताबिक़, 2019 में एनएसओ समूह को एक निजी इक्विटी कंपनी नोवलपिना कैपिटल ने एक अरब डॉलर में खरीदा था लेकिन यह स्पष्ट है कि एनएसओ की इक्विटी का अब कोई मूल्य नहीं है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदा गया था. अब प्रदेश की ख़ुफ़िया इकाई के प्रमुख रह चुके एबी वेंकटेश्वर ने पुष्टि की है कि इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने राज्य सरकार को पेगासस स्पायवेयर बेचने की पेशकश की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर कर दिया गया था.
इज़रायली टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप ने ‘कैल्कलिस्ट’ अख़बार के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर 3,10,000 डॉलर के हर्जाने की मांग की है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रदर्शनकारियों और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके बेटे, क़रीबी लोगों की जासूसी के लिए किया गया था.