बीआरएस को चंदा देने वालों में एक दिलचस्प नाम किटेक्स गारमेंट्स का सामने आया है, जिसने केरल में ट्वेंटी-ट्वेंटी नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी और साल 2022 में अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ गठबंधन का ऐलान भी किया था.
इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विश्लेषण कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बताया है कि वर्ष 2021-22 में इन ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को क़रीब 487 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से भाजपा को 351.50 करोड़ रुपये मिले. वहीं, कांग्रेस को इससे सिर्फ़ 18.44 करोड़ रुपये चंदा मिला है.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार राजनीतिक दलों को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में चुनाव आयोग के समक्ष 20,000 रुपये से अधिक के सभी योगदानों का विवरण देना ज़रूरी है. हालांकि, चुनावी बॉन्ड इसके दायरे में नहीं आते हैं और प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल उन्हें अपनी योगदान रिपोर्ट में शामिल नहीं करते.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उनकी सरकार को गिराने के प्रयास में उनके विधायकों की भाजपा द्वारा ख़रीद-फ़रोख़्त किए जाने के दावों के समर्थन में एक वीडियो फुटेज जारी किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में भी विपक्षी सरकारों को गिराने के प्रयास किए जा रहे हैं और 2015 के बाद से पिछले आठ मामलों में ‘साज़िशकर्ता’ सफल रहे हैं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि वे खुले बाज़ार में मवेशी की ख़रीद-फ़रोख़्त की तरह विधायकों को ख़रीदना चाहते थे. इन सबके पीछे कौन है? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा कि क्या ऐसी चीज़ें समाज के लिए अच्छी हैं.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना क़ानून, 1946 के अनुसार, सीबीआई को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की आवश्यकता होती है. पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय समेत आठ राज्यों ने सीबीआई से पहले ही आम सहमति वापस ली हुई है.
तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के विधायकों की कथित ख़रीद मामले में लीक हुए एक कथित ऑडियो क्लिप में मुख्य आरोपी टीआरएस विधायक से कहता है कि 'सौदे' को 'नंबर एक और नंबर दो' की मंज़ूरी मिली हुई है. टीआरएस का दावा है कि 'नंबर एक-दो' का आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है.
तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के चार विधायकों को पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने का लालच देने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. अदालत ने उन्हें हिरासत में देने की पुलिस की मांग ख़ारिज करते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. भाजपा ने आरोपों से इनकार करते हुए हाईकोर्ट और चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया है.
के. चंद्रशेखर राव ने अगले साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में यह क़दम उठाया है. इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस ने राव की आलोचना करते हुए कहा कि यह राजनीतिक लोभ का परिणाम है.
नरेंद्र मोदी को महज़ एक राजनीतिज्ञ के स्तर से कहीं ऊपर उठाकर सुपरमैन की श्रेणी में डाल दिया गया है, जो सिर्फ शक्ति ही नहीं ज्ञान और बुद्धिमत्ता का भी जीता जागता प्रतीक है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी ज़िले में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान पर निरीक्षण करने पहंच गईं थीं, जहां वे स्थानीय कलेक्टर पर इसलिए भड़क गईं क्योंकि उन्हें पीडीएस दुकान से वितरित चावल में केंद्र व राज्य के अंश का नहीं पता था और दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगी थी.
यूपी में बीते दिनों हुई दो गिरफ़्तारियां स्पष्ट करती हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब मौजूद नहीं है. या फिर जैसा कि ईदी अमीन ने एक बार कहा था कि 'बोलने की आज़ादी तो है, लेकिन हम बोलने के बाद की आज़ादी की गारंटी नहीं दे सकते.'
तेलंगाना में निज़ामाबाद से भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद पर आरोप है कि उन्होंने बीते 13 जुलाई को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ की गई एक प्रेस वार्ता में सरकार की छवि ख़राब करने के इरादे से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग किया था.
इलाहाबाद पुलिस का कहना है कि तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस से जुड़े एक शख़्स द्वारा स्थानीय इवेंट कंपनी को होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया था. मामले में इवेंट कंपनी के निदेशक समेत पोस्टर छापने और इसे होर्डिंग पर लगाने वाले व्यक्ति को भी गिरफ़्तार किया गया है.
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा संसद भवन में बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जताई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान पढ़ते हुए कहा कि हमें खेद है मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.