जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक अदालत से ज़मानत मिलने के कुछ घंटे बाद समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उन्हें बीते शनिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और राज्य के लोगों को भड़काने के आरोप में बीते चार फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर कहा गया है कि कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता का दायरा लगातार सिमटता गया है. संगठन ने ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह और इसी संस्थान के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
पत्रकार सज्जाद गुल को मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. जन सुरक्षा क़ानून के तहत लगे आरोपों में कहा गया है कि वे हमेशा राष्ट्र-विरोधी ट्वीट्स की तलाश में रहते हैं और सूबे की नीतियों के प्रति नकारात्मक रहे हैं.
पांच जनवरी की रात वेब पोर्टल 'द कश्मीर वाला' के साथ जुड़े ट्रेनी पत्रकार और छात्र सज्जाद गुल को आपराधिक साज़िश के आरोप में बांदीपोरा ज़िले में उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था. इस मामले में ज़मानत मिलने के बाद पुलिस द्वारा उन्हें जन सुरक्षा क़ानून के तहत मामले दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के पत्रकार सज्जाद अहमद डार को इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
बांदीपोरा के स्वतंत्र पत्रकार सज्जाद गुल ने एक तहसीलदार द्वारा एक गांव में कथित अवैध निर्माण हटाने और ग्रामीणों के प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप पर एक रिपोर्ट लिखी थी. गुल ने कहा कि इसके बाद तहसीलदार ने बदले की भावना से उनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की और उन पर मामला दर्ज करवाया.
जम्मू कश्मीर के न्यूज़ पोर्टल द कश्मीर वाला के दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ यह मामला सेना की शिकायत पर उनकी एक रिपोर्ट के लिए दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया था कि शोपियां ज़िले के एक मदरसे को गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने के लिए सेना द्वारा मजबूर किया गया था.