मोबाइल में लादेन या आईएसआईएस के झंडे की फोटो रखने भर से किसी को आतंकी नहीं मान सकते: हाईकोर्ट

एनआईए द्वारा यूएपीए के आरोपों के तहत गिरफ़्तार किए गए कर्नाटक के दिवंगत कांग्रेस विधायक बीएम इदिनब्बा के पोते अम्मार अब्दुल रहमान को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि इस व्यक्ति की मध्य-पूर्व और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष से संबंधित ख़बरों पर नज़र थी, यह मानना सही नहीं होगा कि वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे.

पन्नू हत्या साज़िश: चेक गणराज्य की अदालत ने निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण पर रोक लगाई

चेक गणराज्य की सर्वोच्च अदालत ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कथित साज़िश रचने के लिए अमेरिका द्वारा दोषी ठहराए गए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण को यह कहते हुए रोक लगा दी कि इस कार्रवाई में देरी होने पर जनहित को कोई ख़ास नुकसान नहीं होने वाला है.

मोदी सरकार के कोविड कुप्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी

कोविड महामारी के प्रभाव भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साफ़ दिखते हैं. जहां एक तरफ बेरोज़गारी बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में विभिन्न कामों में लगे श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़ने को मजबूर हुए हैं.

लोकसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में तीसरे चरण में किसका पलड़ा भारी है?

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार मध्य प्रदेश की नौ सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जहां राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक केंद्रीय मंत्री की क़िस्मत दांव पर लगी है.

आय से ज्यादा कैसे ख़र्च कर रही है भाजपा?

भाजपा का इमारतों के निर्माण और चुनाव प्रचार का ख़र्च 74,053 करोड़ रुपये से 107,803 करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकता है. यह 2014-15 से 2022-23 के बीच पार्टी की घोषित आय 14,663 करोड़ रुपये से पांच से सात गुना अधिक है.

प्रज्वल रेवन्ना केस: कथित यौन उत्पीड़न की शिकार कई महिलाओं ने पहचान उजागर होने के बाद घर छोड़ा

जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकार कई महिलाओं की वीडियो क्लिप फैलने के बाद उनके घर छोड़ देने की ख़बर सामने आई है. बताया गया है कि हासन ज़िले की इन महिलाओं की पहचान सामने आने के बाद उनका अपने ही क़स्बे-गांवों में रहना मुश्किल हो गया, जिसके चलते उन्हें अपने परिवार के साथ घर तक छोड़ने को मजबूर होना पड़ा.

लोकसभा चुनाव: मिथिलांचल में एम-वाई समीकरण कितना प्रभावी रहेगा?

दरभंगा लोकसभा क्षेत्र और निकटवर्ती लोकसभा सीटों- झंझारपुर, मधुबनी और समस्तीपुर- यानी मिथिलांचल में 55 पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के मतदाता जिन्हें ‘पचपनिया’ कहा जाता है, की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. पिछले चुनाव में एनडीए की जीत में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है.

विश्वविद्यालयों का गलगोटियाकरण और गायब होती वैचारिक छात्र राजनीति

गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जो सवाल उठा, वह किसी एक कैंपस का मामला नहीं है. तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों का भी गलगोटियाकरण हो रहा है. इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रसंघ और गलगोटियातुर छात्रों की भूमिका अहम है.

अपना पानी, अपनी बानी, मांग रहा है हिंदुस्तानी

शासक अगर दंभपूर्वक यह कहे कि वह आपको 5 किलो अनाज पर ज़िंदा रखता है तो यह जनता का अपमान है. जनता लाभार्थी नहीं, उत्पादक और सर्जक है. उसे अपनी रोटी खाने का सुख चाहिए. काम का हक़ चाहिए. हिंदी कविता में जनतंत्र का उत्सव मनाती इस श्रृंखला की पांचवी क़िस्त.

ओडिशा: पुरी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने पार्टी से फंड न मिलने पर चुनाव लड़ने से इनकार किया

पुरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती पूर्व कांग्रेस सांसद ब्रजमोहन मोहंती की बेटी हैं. उन्होंने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखे पत्र में फंड की कमी का हवाला देते हुए कहा कि लोगों से चंदे के जरिए फंड जुटाने की कोशिश भी नाकाम रही. पार्टी ने जय नारायण पटनायक को नया उम्मीदवार घोषित किया है.

कर्नाटक: यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना अपहरण मामले में गिरफ़्तार

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र होलेनरासीपुर विधायक एचडी रेवन्ना की गिरफ़्तारी 2 मई को उनके और उनके सहयोगी के ख़िलाफ़ होलेनरासीपुर थाने में दर्ज किए गए एक महिला के अपहरण से संबंधित मामले में हुई है. इससे पहले, उनके और उनके सांसद बेटे प्रज्वल रेवन्ना पर ढेरों महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है.

जम्मू-कश्मीर: पुंछ में भारतीय वायुसेना के क़ाफ़िले पर आतंकी हमले में एक जवान शहीद, 4 घायल

शहीद की पहचान कॉरपोरल विक्की पहाड़े के रूप में हुई है. हमला शनिवार शाम करीब छह बजे हुआ जब पुंछ के सुरनकोट इलाके में भारतीय वायुसेना के जवानों का क़ाफ़िला आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले की चपेट में आ गया.

‘कथाकहन मेरी जिज्ञासा, जरूरत और जिद का परिणाम है’

कथा-लेखन की इस वार्षिक कार्यशाला ने बहुत कम समय में अपनी जगह बना ली है, और इस भ्रान्ति को भी तोड़ दिया है कि लेखकीय प्रतिभा जन्मजात होती है, उसे सिखाया नहीं जा सकता.

लोकतंत्र ही नहीं हमारी मानवीयता में भी लगातार कटौती हो रही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदी अंचल इस समय भाजपा और हिंदुत्व के प्रभाव में है, लगभग चपेट में. इस दौरान सार्वजनिक व्यवहार में कुल पंद्रह क्रियाओं से ही काम चलता है. ये हैं: रोकना, दबाना, छीनना, लूटना, चिल्लाना, मिटाना, मारना, पीटना, भागना, डराना-धमकाना, ढहाना, तोड़ना-फोड़ना, छीनना, फुसलाना, भूलना-भुलाना.

जानने और नकारने का अधिकार

जानना पहली सीढ़ी है. उसके सहारे या उसके बल पर जनतंत्र का रास्ता खुलता है. सत्ता के निर्णय की जांच करने और उसे नकारने का अधिकार जन को जन बनाता है.
हिंदी कविता में जनतंत्र की उपस्थिति को रेखांकित करती इस श्रृंखला की चौथी कड़ी.