पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल ही में हुई अशांति के बाद आंतरिक क़ानून और व्यवस्था के लिए संभावित ख़तरों का हवाला देते हुए असम के चार ज़िलों - तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव और शिवसागर में आफस्पा को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है.
असम के तिनसुकिया ज़िले में एक रैट-होल खदान में भूस्खलन के बाद फंसे तीन कोयला खनिकों के बारे में अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा संदेह है कि खदान के अंदर उनकी मौत हो गई होगी लेकिन जब तक उनके शव नहीं मिल जाते, हम यह दावा नहीं कर सकते.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ से आफस्पा को हटा लिया है. जिन चार ज़िलों में इसकी अवधि बढ़ाई गई है, उनमें डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव शामिल हैं. असम सरकार ने पिछले महीने केंद्र से सिफ़ारिश की थी कि 1 अक्टूबर से राज्य के बाकी बचे आठ ज़िलों से आफस्पा हटा दी जाए.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सोमवार देर रात से मंगलवार तड़के तक हुई भारी ओलावृष्टि से डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर व तिनसुकिया ज़िलों के 132 गांवों में कुल 4,483 घरों को नुकसान पहुंचा है और क़रीब 18,000 लोग प्रभावित हुए हैं.
पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात तब हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया ज़िले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे. ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
मई 2020 में तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में गैस रिसाव के बाद लगी को क़रीब पांच महीने बाद बुझाया जा सका था. एनजीटी द्वारा इसके लिए गठित जांच समिति में कंपनी के प्रबंध निदेशक को शामिल किया गया था, जिस पर हैरानी जताते हुए शीर्ष अदालत ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है.
असम के तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में पिछले साल 27 मई से शुरू हुए गैस रिसाव में हफ़्ते भर बाद आग लग गई थी और दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई थी. क़रीब पांच महीने बाद नवंबर में आग को बुझाया जा सका था.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में 27 मई से शुरू हुए गैस रिसाव में हफ़्ते भर बाद आग लग गई थी. अब कंपनी की ओर से बताया गया है कि रविवार को विदेशी विशेषज्ञों की सहायता से क्षतिग्रस्त कुएं को सफलतापूर्वक बंद करके आग को पूरी तरह बुझा दिया गया.
असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में 27 मई से शुरू हुए गैस रिसाव में हफ्ते भर बाद आग लग गई थी, जिसे अब तक बुझाया नहीं जा सका है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में कहा कि कनाडा से विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जिन्हें आग बुझाने में दो और महीने लग सकते हैं.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में 27 मई से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में ब्लो आउट होने के बाद से लगातार गैस रिसाव हो रहा था. कंपनी के अनुसार अब कुएं के मुंह को बंद कर दिया गया है. साथ ही गैस रिसाव और उसमें लगी आग को काबू करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में 27 मई से गैस का रिसाव हो रहा है, जिसमें नौ जून को आग लग गई थी. कंपनी के अनुसार कुएं पर ढक्कन रखने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन आग के कारण उसे रखने वाली केबल क्षतिग्रस्त हो गई.
असम के तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में 27 मई को ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में हुए ब्लोआउट के बाद इससे अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव शुरू हुआ था. इसमें नौ जून को आग लग गई थी, जिस पर अब तक क़ाबू नहीं पाया जा सका है.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं. ऑयल इंडिया ने कहा है कि इसे बुझाने में चार सप्ताह लग सकते हैं. इस कुएं से दो हफ़्तों से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां भीषण आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और आग बुझाने की कोशिश जारी है.