नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि 26 जनवरी 2021 को हुई हिंसा से जुड़े मामलों को वापस लेने का औपचारिक अनुरोध उपराज्यपाल को भेजा गया है.
दिल्ली पुलिस ने युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते 14 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया था. उन पर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह तथा आपराधिक साज़िश की धाराएं लगाई गई थीं.
इससे पहले बीते आठ अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के तहत सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की नियुक्ति परीक्षा में पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा और तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछे गए थे.
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और सांसदों ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विचार-विमर्श किया. लंबित विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सभी सीटों का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. राज्यसभा ने 2010 में विधेयक पारित किया, लेकिन लोकसभा में विधेयक पर कभी मतदान नहीं हुआ.
सुप्रीम कोर्ट से एक याचिका में कोविड महामारी से निपटने के तौर तरीकों को लेकर कथित तौर पर देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने के लिए बनाए टूलकिट की जांच का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा कि यह राजनीतिक दुष्प्रचार का हिस्सा है और यदि आप इसे पसंद नहीं करते हैं, तो नज़रअंदाज़ करें.
बीते महीने ट्विटर ने भाजपा नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के लिए एक ‘टूलकिट’ बनाया है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा था. उस वक़्त सरकार पर ट्विटर को डराने-धमकाने के आरोप भी लगे थे.
पिछले महीने भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
लुमेन डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैज़ी बी के अलावा हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन का अकाउंट भी शामिल था. ये लोग कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन कर रहे थे.
वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी के माध्यम से ये बताया जा रहा है कि ये वैश्विक महामारी है और हर देश प्रभावित है, इसलिए मोदी जी बेचारे क्या कर सकते हैं. इस नरेटिव से सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है, जबकि सच्चाई यह है कि दुनिया में कोविड के दूसरे लहर का सबसे ज़्यादा असर भारत पर ही पड़ा है. जिस देश का जन स्वास्थ्य तंत्र सुदृढ़ है, वहां इसका असर अपेक्षाकृत कम हुआ.
ट्विटर ने दिल्ली पुलिस के ‘टूलकिट’ जांच मामले में उसके दफ़्तरों में आने को ‘डराने-धमकाने की चाल’ बताया था. इसे लेकर मोदी सरकार ने कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कंपनी के बयान को सच्चाई से परे बताया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके दिल्ली के लाडो सराय और गुड़गांव में स्थित ट्विटर इंडिया कार्यालयों में गई थीं. स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि ट्विटर के पास टूलकिट के बारे में क्या जानकारी है और उसने कांग्रेस के कथित टूलकिट से संबंधित भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी का टैग देना क्यों चुना.
बीते भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस संकट काल में विपक्षी दल की ‘गिद्धों की राजनीति’ उजागर हुई है. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने एवं लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया था.
बीते साल ट्रंप प्रशासन द्वारा ट्विटर के ख़िलाफ़ इस्तेमाल की गई धमकाने वाली समान भाषा में केंद्र सरकार ने कहा कि अगर ट्विटर आधिकारिक मांगों को नहीं मानता है तो एक 'मध्यस्थ' के बतौर उसकी क़ानूनी स्थिति पर सवाल उठ सकता है. सरकार ने यह भी कहा कि ट्विटर ने एकतरफा तरीके से मामले में निष्कर्ष निकाल कर भाजपा नेता के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी में डाल दिया.
बीते 18 मई को एक कथित टूलकिट के माध्यम से भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने इस टूलकिट को फ़र्ज़ी बताते हुए ट्विटर से कहा था कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं के अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित कर दे. कांग्रेस ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस में शिकायत भी
किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर जारी एक टूलकिट में संलिप्तता के आरोप में बीते 13 फरवरी को पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ़्तार किया गया था. अदालत ने बीते 17 मार्च को दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाख़िल करने के लिए केंद्र सरकार को आख़िरी मौका दिया था. आरोप है कि किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.