दिल्ली की एक अदालत ने कार्यकर्ता उमर ख़ालिद को दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साज़िश के आरोप लगाने वाले यूएपीए मामले में अंतरिम ज़मानत दी है. ख़ालिद को परिवार में होने वाली एक शादी में शामिल होने के लिए 28 दिसंबर से 3 जनवरी, 2025 की शाम तक जेल से बाहर रहने की अनुमति मिली है.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से जेल में हैं. ख़ालिद की ज़मानत याचिका जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की पीठ के समक्ष 7 अक्टूबर को नए सिरे से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन पीठ सुनवाई के लिए नहीं बैठी.
दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों का उल्लेख करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, हेट स्पीच, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को तोड़ने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को दर्ज किया है.
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इससे पहले 18 अक्टूबर, 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ ने उमर की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज की थी. उमर दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से जेल में हैं. इस केस में अब तक न तो सुनवाई शुरू हुई और न ही आरोप तय हुए हैं.
दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया ने जिस लेख के आधार पर मुंबई के घाटकोपर स्थित सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख़ से इस्तीफ़ा मांगा गया है, उसमे दावा किया गया है कि शेख़ ने ऐसे कई ट्वीट लाइक किए थे जो 'हमास समर्थक, हिंदू विरोधी, भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना' करने वाले थे.
वीडियो: छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली दंगों से जुड़ी साज़िश के मामले में बीते 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली. सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से वह जेल में हैं. इस विषय पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
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आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से जेल में हैं. उन पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
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सरकार जिस उमर ख़ालिद उनके मज़हब तक सीमित कर देना चाहती है, पर वो एक गंभीर शोधार्थी हैं, जिनकी पीएचडी का विषय सिंहभूम का आदिवासी समाज हैं. उनकी थीसिस में लिखा गया हर शब्द एक ऐसे शख़्स को हमारे सामने लाता है, जो बेहद गहराई से लोकतंत्र और इसके अभ्यासों के साथ जिरह कर रहा है.
वीडियो: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. बीते दिनों उनकी रिहाई की मांग और उनके समर्थन में हुई एक सभा में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने अपने विचार रखे.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. ख़ालिद को दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.