भारतीय रेलवे का खलासी व्यवस्था ख़त्म करने का ऐलान, नहीं होंगी नई भर्तियां

रेलवे बोर्ड ने एक आदेश में कहा कि औपनिवेशिक काल से चले आ रहे खलासी पदों की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है कि अब इनकी भर्ती नहीं होगी. साथ ही एक जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी.

वैश्विक महामारी के पहले 12 महीनों में भुखमरी से जा सकती है लाखों बच्चों की जान: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने आगाह किया कि कोरोना और उससे निपटने के लिए लगे प्रतिबंधों के कारण कई समुदाय भुखमरी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने चेताया कि बढ़ते कुपोषण के दीर्घकालिक परिणाम होंगे, जो व्यक्तिगत त्रासदियों को एक पीढ़ीगत तबाही में बदल सकते हैं.

असम: ग़रीबी और काम न मिलने से परेशान प्रवासी मज़दूर ने अपनी नवजात बच्ची को बेचा

मामला कोकराझार ज़िले का है. लॉकडाउन के दौरान गुजरात लौटे एक मज़दूर ने आर्थिक तंगी और काम न मिलने से परेशान होकर अपनी 15 दिन की बच्ची को 45 हज़ार रुपये में बेच दिया. पुलिस ने मज़दूर और बच्ची खरीदने वाली महिलाओं को गिरफ़्तार कर लिया है.

कोविड-19 के चलते 60 फ़ीसदी लोगों की आजीविका पूरी तरह या गंभीर रूप से प्रभावित हुई: सर्वे

एनजीओ ‘वर्ल्ड विज़न एशिया पैसिफ़िक’ द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन की सबसे अधिक मार दिहाड़ी मज़दूरों पर पड़ी और इसके चलते छिनी आजीविका ग्रामीण और शहरी ग़रीबों के लिए सबसे बड़ी चिंता बन गई.

बांदा: लॉकडाउन में मुंबई से लौटे मज़दूर ने कथित तौर पर काम न मिलने से की आत्महत्या

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के इंगुआ गांव का मामला. मृतक के भाई ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद गांव में उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था, जिस वजह से वह आर्थिक रूप से परेशान थे.

लॉकडाउन के दौरान वेतन देने का आदेश इससे पहले बेरोज़गार हुए लोगों के लिए नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

एक कंपनी द्वारा श्रमिकों को वेतन न देने के मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय के आदेश के तहत उन्हीं कर्मचारियों या कामगारों को लाभ मिलेगा, जो लॉकडाउन लगने वाले दिन तक नौकरी पर थे और उन्हें तनख़्वाह मिल रही थी.

कोविड-19 महामारी के चलते क़रीब 13 करोड़ लोग हो सकते हैं भुखमरी का शिकार: रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची क़ीमतों और ख़र्च वहन करने की क्षमता न हो पाने के कारण करोड़ों लोगों को सेहतमंद और पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है. कोविड महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियों और आर्थिक मंदी से भुखमरी का सामना कर रही आबादी की संख्या बढ़ सकती है.

यूपी: बांदा में कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान एक और प्रवासी मज़दूर ने फांसी लगाई

मामला बांदा ज़िले गिरंवा थाना क्षेत्र का है. लॉकडाउन के बाद से बांदा में 20 से 21 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. इसमें कई मज़दूर भी शामिल हैं, जो लॉकडाउन में काम बंद होने से दूसरे प्रदेशों से घर लौटे थे.

मीडिया बोल: चीनी घुसपैठ के बहाने कोरोना नाकामी पर पर्दा डालते चैनल

वीडियो: पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर हो रहे तनाव के कारण देश में कोरोना वायरस से हो रहीं मौतों को मीडिया और सरकार अनदेखा कर रही है. देश में बढ़ रही ग़रीबी और बेरोज़गारी पर न तो सरकार का कोई ध्यान है और न ही मीडिया का. इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

उत्तर प्रदेश: हमीरपुर में बेरोज़गारी से परेशान युवक ने फांसी लगाई

मामला हमीरपुर ज़िले के गढ़रौली गांव का है. 22 वर्षीय युवक स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी.

कर्मचारियों ने छंटनी पर कहा, हमने दिल्ली गोल्फ़ क्लब को 21 साल दिए, अब हम कहां जाएं

वीडियो: दिल्ली गोल्फ़ क्लब ने 66 कर्मचारियों को पिछले सप्ताह निकाल दिया गया. क्लब प्रबंधन ने छंटनी का कारण कोरोना वायरस के कारण हो रही आमदनी में गिरावट को बताया है.

कोरोना महामारी के कारण 26.5 करोड़ लोगों के समक्ष भुखमरी का संकट: अध्ययन

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक ग़रीबी दर में 22 वर्षों में पहली बार वृद्धि होगी. भारत की ग़रीब आबादी में एक करोड़ 20 लाख लोग और जुड़ जाएंगे, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.

एटलस साइकिल ने बंद किया आख़िरी कारखाना, हज़ार के क़रीब कर्मचारी बेरोज़गार

तीन जून को उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी एटलस ने अपना आख़िरी कारखाना अनिश्चितकाल के लिए बंद करते हुए कहा कि उनके पास उत्पादन का पैसा नहीं है. इससे पहले कंपनी मध्य प्रदेश के मालनपुर और हरियाणा के सोनीपत की इकाइयां भी बंद कर चुकी है.

बांदा: पति की आत्महत्या के महीने भर बाद पत्नी ने तीन बच्चों के साथ जान देने की कोशिश की

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव का मामला. कथित तौर पर आर्थिक परेशानी के चलते ज़हर खाने के बाद महिला और उसके बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. ज़िले में पिछले एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों के आत्महत्या करने की खबरें चुकी हैं.

क्या सरकार बच्चों और महिलाओं को भूखे-कमज़ोर रखकर भारत को आत्मनिर्भर बना सकती है?

लैंसेट के अध्ययन के अनुसार कोविड का मातृत्व मृत्यु और बाल मृत्यु दर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसके अनुसार भारत में छह महीनों में 3 लाख बच्चों की कुपोषण और बीमारियों से 14 हज़ार से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व या इसके दौरान मृत्यु हो सकती है. हालांकि वित्तमंत्री द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज में कुपोषण और मातृत्व हक़ के लिए एक रुपये का भी आवंटन नहीं किया गया है.

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