वीडियो: सपा नेता, यूपी योजना आयोग के पूर्व सदस्य और लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सुधीर पंवार का कहना है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी वर्तमान में सभी समुदायों में सत्ता विरोधी वोटों को मज़बूत करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है. अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उनकी बातचीत.
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन के अवसर पर ट्विटर पर दिनभर कई ऐसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे, जिनसे ट्विटर यूज़र्स ने देश में बढ़ती बेरोज़गारी और देश में गहराते आर्थिक संकट की तरफ ध्यान आकर्षित किया और इस बारे में प्रधानमंत्री से जवाब मांगा.
सांख्यिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय सर्वेक्षण संगठन ने 2017-18 में वार्षिक श्रम बल सर्वेक्षण करना शुरू किया, जो अब तक केवल हर पांच वर्षों पर होता था. हाल में एनएसओ ने अपना तीसरा वार्षिक सर्वेक्षण 2019-20 जारी किया, जिसके आंकड़ों से पता चलता है कि श्रम बल भागीदारी की स्थिति अब भी दुरुस्त नहीं है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ये आंकड़े देश में कोविड-19 के प्रसार चलते बड़ी संख्या में नौकरियां जाने के पहले के हैं. इनके अनुसार, साल 2019 में बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या के सर्वाधिक 553 मामले कर्नाटक में दर्ज हुए. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु रहा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.
गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट में कहा कि भुखमरी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है. बीते एक साल में पूरी दुनिया में अकाल जैसे हालात का सामने करने वाले लोगों की संख्या छह गुना बढ़ी है.
हाल के समय में विभिन्न हलकों से यह मांग की जा रही है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को करेंसी की छपाई कर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करना चाहिए. रिज़र्व बैंक द्वारा राजकोषीय घाटे के मौद्रिकरण का आशय यह है कि केंद्रीय बैंक सरकार के किसी आपात ख़र्च को पूरा करने के लिए करेंसी छापे और राजकोषीय घाटे को पूरा करे. पिनाकी चक्रवर्ती ने उम्मीद जताई कि कोरोना वायरस की यदि कोई बड़ी तीसरी लहर नहीं होती है, तो भारत का
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत सरकार ने भ्रम में रहते हुए कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि श्रेय पाने की कोशिश करना और श्रेय पाने वाला अच्छा काम न करना बौद्धिक नादानी का एक स्तर दिखाता है, जिससे बचना चाहिए. भारत ने यही करने की कोशिश की.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार, बेरोज़गारी दर मई में 12 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. यानी इस दौरान क़रीब एक करोड़ भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर है.
सरकार द्वारा कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुमान में चूक पर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ ने कहा कि सरकार लंबे समय तक वायरस के समुदाय के बीच फैलने की बात से इनकार करती रही है, जबकि रिकॉर्ड में मामले लाखों में थे. जनता को आश्वस्त करने के लिए कि सब ठीक है, भ्रामक आंकड़ों का सहारा लिया गया. हम अब इसकी कीमत चुका रहे हैं.
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन समेत अन्य पाबंदियां से आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ने से नौकरियां प्रभावित हुई हैं. एक निजी शोध एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अपने अध्ययन में कहा है कि नौकरियां जाने की वजह से वेतनभोगी एवं ग़ैर-वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या मार्च में 39.81 करोड़ से घटकर अप्रैल में 39.08 करोड़ हो गईं.
वीडियो: भाजपा के रोज़गार के वादे में कितनी सच्चाई है, उस पर टीएमसी की नेता फ़िरहद हाकिम सवाल उठा रहे है. उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार सात साल से केंद्र और चार साल से उत्तर प्रदेश में सत्ता में है, उसके बाद भी वहां पर लोग बेरोज़गार हैं. उनसे द वायर की सीनियर पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर ने एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी के एक साल के दौरान मध्यम वर्ग की संख्या महामारी के पहले की तुलना में एक तिहाई घटकर 6.6 करोड़ रह गई, जिनका महामारी के पहले 9.9 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था.
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को वोटों के लिए समाज को विभाजित करने वाला भाजपा का राजनीतिक हथियार बताया है. गोगोई ने कहा कि विधानसभा चुनाव में असम की पहचान और विकास दोनों दांव पर हैं. असम में पार्टी के सत्ता में आने पर सीएए को लागू करने नहीं दिया जाएगा.
केरल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर दृष्टिपत्र पेश करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, पर मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है.