सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि आरटीआई पोर्टल से वर्षों का डेटा गायब हो गया है. पिछले साल केंद्र सरकार ने ‘भारी लोड’ का हवाला देते हुए पोर्टल पर एकाउंट बनाने की सुविधा हटा दी थी. इसके अलावा अगर मौजूदा एकाउंट होल्डर अपने एकाउंट को बरक़रार रखना चाहते हैं तो उन्हें छह महीने की अवधि में कम से कम एक आवेदन दाख़िल करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी राज्य का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को राशन कार्ड मुहैया कराए. अदालत ने अधिकारियों को अपने आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख 3 अक्टूबर तक केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के अनुसार, वह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इन आयोगों के गठन का आग्रह करते रहे हैं, लेकिन अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ़ 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली ने ही इनका गठन किया है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष केंद्र सरकार ने जो आंकड़े रखे हैं, उनके मुताबिक़ वित्त वर्ष 2022-23 में अनुसूचित जाति के छात्रों और अन्य के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे, लेकिन वास्तविक व्यय केवल 56 लाख रुपये किया गया.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक परामर्श जारी किया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे अपनी सामग्री प्रसार भारती के माध्यम से प्रसारित करें और 31 दिसंबर 2023 तक प्रसारण सामग्री वितरित करने वाली संस्थाओं से ख़ुद को अलग कर लें.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिड-डे मील योजना का सोशल ऑडिट किया जाना अनिवार्य है, लेकिन देश भर के स्थानीय प्राधिकरण इस कार्य को पूरा करने में निर्धारित समयसीमा से पीछे चल रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार ने संसद में बताया कि कोविड-19 के कारण देश में अब तक कुल 5,21,358 लोगों की मौत हुई है, जबकि केंद्र सरकार के अनुरोध पर 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए जवाब में किसी ने भी अपने यहां ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत होने की पुष्टि नहीं की है.
आरटीआई कार्यकर्ता वेकेंटेश नायक ने एक आवेदन में अक्टूबर 2019 तक जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग के सामने लंबित शिकायतों की संख्या पूछी थी. इसके जवाब में प्रशासन ने कहा है कि उसके पास इससे जुड़ी सूचना नहीं है क्योंकि पिछले रिकॉर्ड औपचारिक रूप से क़ानून, न्याय एवं संसदीय कार्य विभाग को नहीं सौपें गए हैं.
राज्यसभा में सवाल किया गया था कि पिछले एक साल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मौतें हुईं. इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सूचित कुल मामलों और मृत्यु के आंकड़े रखती है. केंद्र को भेजे जवाब में किसी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी मृत्यु की सूचना नहीं दी है.
अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. विभिन्न राजनीतिक दल, ख़ासकर जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक दल अक्सर केंद्र से राज्य का दर्जा देने और चुनाव कराए जाने की मांग करते रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में बताया कि केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड रोगियों की मृत्यु के आंकड़े मांगे थे, जहां केवल पंजाब तथा अरुणाचल प्रदेश ने केंद्र को जवाब भेजा है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुईं मौतों की जांच के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव फिर से नामंज़ूर कर दिया है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने उपमुख्यमंत्री के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीज़ों की मौत की सूचना नहीं दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज़ की मौत की ख़बर नहीं मिली है.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बैठक में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि अनलॉक करने की गतिविधियों से कोविड मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है. वहीं, आईसीएमआर के डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज़ किए जाने चाहिए.
राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस तरह की मौतों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं मांगा था. दिल्ली सरकार ने इस तरह की मौतों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया था,