महिला ने बीते 10 फरवरी को आरोप लगाया था कि उसके साथ भाजपा विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी सहित उनके तीन बेटों और तीन भतीजों ने बारी-बारी से बलात्कार किया. पुलिस ने इस मामले में त्रिपाठी के साथ उनके दो बेटों और दो भतीजों को क्लीन चिट दे दी है.
मामला भदोही ज़िले का है. भदोही के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला का आरोप है कि भाजपा विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने एक बार और उनके भतीजों संदीप तिवारी, सचिन तिवारी, चंद्रभूषण तिवारी, दीपक तिवारी, प्रकाश तिवारी और नीतेश तिवारी ने चार साल तक कई मौकों पर उनसे बलात्कार किया.
उत्तर प्रदेश प्रशासन का दावा है कि 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ के हजरतगंज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. हालांकि इस दिन कई कार्यकर्ता नजरबंद थे.
2019 लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी रहे शायर इमरान प्रतापगढ़ी को जारी नोटिस में पूछा गया है कि ईदगाह और उसके आसपास क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबलों पर ख़र्च किए गए 1.04 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं.
सीएए के ख़िलाफ़ राज्य में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही इसकी भरपाई की जाएगी. इस बारे में जारी सरकार के वसूली नोटिस को कानपुर के व्यक्ति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
डॉ. कफील खान को 29 जनवरी को महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें ज़मानत मिल चुकी थी लेकिन शुक्रवार को रिहाई से पहले यूपी पुलिस ने उन पर रासुका लगा दी, जिसके चलते उन्हें रिहा नहीं किया गया.
मामला फिरोज़ाबाद ज़िले का है. अगस्त 2019 में आरोपी ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार किया था. परिजनों का कहना है कि आरोपी लगातार उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाते हुए धमकियां दे रहा था, लेकिन शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि कचहरी परिसर में कुछ लोगों ने बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव संजीव लोधी पर बमों से हमला किया. उनमें से एक बम फटा जबकि बाकी दो में धमाका नहीं हुआ.
संभल ज़िले के नखासा थाना क्षेत्र के हुसैना बाग में जनवरी से करीब 500 महिलाएं सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इनमें से ग्यारह को स्थानीय पुलिस की एक रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने नोटिस भेजा है.
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा करने के लिए 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने बताया कि 40 वर्षीय रंजीत बच्चन हजरतगंज क्षेत्र में सुबह सैर के लिए निकले थे, तभी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई. शुरुआती जांच में पारिवारिक रंजिश का मामला सामने आया है. हालांकि पुलिस सभी कोणों से मामले की जांच कर रही है.
पुलिस ने बताया कि नोएडा सेक्टर 65 में खाद्य सामग्री बनाने वाली कंपनी हल्दीराम के प्लांट में अमोनिया गैस रिसाव की चपेट में आकर प्लांट के चार कर्मचारी बेहोश हो गए थे. उनमें से एक संजीव कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई. अन्य तीन की हालत गंभीर बनी हुई है.
उच्चतम न्यायालय में दाख़िल याचिका में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदर्शनकारियों की संपत्ति जब्त कर, सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान का बदला लेने के मुख्यमंत्री के वादे पर आगे बढ़ रही है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय से राजनीतिक कारणों के लिए बदला लिया जा सके.
सुभाष बाथम नाम के व्यक्ति ने अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने बच्चों को अपने घर बुलाया था और घर के नीचे बने बेसमेंट में उन्हें बंधक बनाकर रखे हुए था. आरोपी हत्या के मामले में हाल ही में ज़मानत पर बाहर आया था. बच्चों को तकरीबन नौ घंटे बाद रिहा कराया जा सका.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान हुए अत्याचारों के संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा और सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए.