उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोगों के आत्महत्या की ख़बरें लगातार आ रही हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को ज़मानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस एआर मसूदी ने अपने आदेश में प्रवासी मज़दूरों के लिए बसों की व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के आपसी गतिरोध में उलझने पर चिंता जताई.
मामला हमीरपुर ज़िले के गढ़रौली गांव का है. 22 वर्षीय युवक स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी.
उत्तर प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर राज्य में कम कोरोना टेस्टिंग होने को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव ने ज़्यादा टेस्ट कराने वाले ज़िलाधिकारियों को फटकार लगाई है. एफआईआर में इस ट्वीट को भ्रामक बताया गया है.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में उत्तराखंड से लौटे मज़दूर अंजनी कुमार सिंह ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, बांदा ज़िले में ईंट-भट्ठे में काम करने वाला मज़दूर सुखराज प्रजापति ने अपनी जान दे दी है.
मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले की उतरौला तहसील का है. घटना से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन ने मामले पर संज्ञान लिया.
मामला जौनपुर ज़िले के सरायख्वाज़ा क्षेत्र के भदेठी गांव का है. 9 जून को आम तोड़ने को लेकर दो समुदायों के बच्चों में विवाद हुआ, जिसके बाद स्थानीयों के बीच हिंसक झड़प हुई. सौ के क़रीब लोगों पर मामला दर्ज हुआ है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट लगाने के निर्देश दिए हैं.
बीते पांच जून को नोएडा के कम से कम आठ अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित होने के संदेह में आठ माह की एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया था. करीब 13 घंटे तक परिवार द्वारा कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया था.
19 वर्षीय युवक गुजरात के अहमदाबाद शहर में फल की दुकान चलाता था. उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक महीने के भीतर क़रीब सात से आठ लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं.
फतेहपुर के पत्रकार अजय भदौरिया ने बीती 13 मई को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि फतेहपुर के विजयपुर में एक कम्युनिटी किचन को बंद कर दिया गया है. इसके बाद झूठी ख़बर फैलाने के आरोप में प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया.
एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने एक लेखपाल के खिलाफ एक दलित युवती का कथित रूप से अपहरण कर उसके साथ चलती जीप में बलात्कार करने का मामला दर्ज किया है.
नोएडा में बीते दिनों नौ महीने की गर्भवती महिला के इलाज के लिए परिवार वाले 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, पर इलाज न मिलने पर एंबुलेंस में ही महिला की मौत हो गई. एक अन्य मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर मृत बच्चे को जन्म दिया था.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर का मामला. आरोप है कि आठ माह की गर्भवती पत्नी को लेकर युवक सुबह से शाम तक ग़ाज़ियाबाद से लेकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा तक के अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कहीं बेड न होने और कहीं पत्नी में कोरोना वायरस के लक्षण होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के एक गांव के रहने वाले 50 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता शाहजहांपुर के एक ढाबे में काम किया करते थे, पर लॉकडाउन में ढाबा बंद होने से काम छूटा और वे परिवार सहित गांव लौट गए. ग़रीबी और बेरोज़गारी से परेशान भानुप्रकाश ने 29 मई को ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी.
साल 2011 में उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर एक प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने और उनके पांच सहयोगियों पर दूसरे समुदाय के एक युवक को प्रताड़ित करने और उनके ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया था.