उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के रहने वाले अक़ील अहमद 19 जुलाई को अपने साथियों के साथ मेला घूमने गए थे, जहां उनके एक साथी का झूले की सवारी को लेकर किसी व्यक्ति से विवाद हो गया, जिसमें अक़ील को गंभीर चोटें आईं और उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में चार लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिसमें भाजपा का एक स्थानीय नेता भी शामिल है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में 92, 2018 में 67, 2019 में 116, 2020 में 19, वर्ष 2021 में 36 और 2022 में अब तक 17 मौतें हुईं. इस दौरान सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में 51 लोगों की जान गई है.
सोशल मीडिया को उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को भेजा गया त्याग-पत्र वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने उन्हें 100 दिनों से कोई काम नहीं दिए जाने का दावा करने के साथ विभागीय तबादलों में अनियमितता का आरोप लगाया है. इधर, बताया जा रहा है कि योगी सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद अपने ओएसडी को निलंबित किए जाने से नाराज़ हैं और भाजपा नेतृत्व से मिलने दिल्ली गए हुए
जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री हैं. मामला उनके तहत आने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग में इंजीनियरों के तबादले से जुड़ा है. पिछले एक महीने में 150 से अधिक तबादले किए गए हैं. 18 जुलाई को उनके ओएसडी को पैसा लेकर तबादला करने संबंधी आरोपों के बाद हटा दिया गया था. शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.
बीते 13 जुलाई को लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद ये गिरफ़्तारियां हुई हैं. गिरफ़्तार चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बीते 15 जुलाई को यहां हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो और लोगों को पूजा करने और एक व्यक्ति को नमाज़ पढ़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.
मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंडिया’ ने फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें लगातार हिरासत में रखना इस बात की ख़तरनाक चेतावनी है कि आपको भारत में सच बोलने की अनुमति नहीं है.
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दो और सीतापुर, लखीमपुर खीरी, ग़ाज़ियाबाद और मुज़फ़्फ़रनगर ज़िलों में एक-एक केस दर्ज किए गए हैं. यूपी पुलिस ने इन मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया है. ज़ुबैर इन एफ़आईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है. अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले की घटना. एक सफाईकर्मी कथित तौर पर अपनी कचरा गाड़ी में कूड़ा समेटकर ले जा रहा था. सफाईकर्मी का कहना है कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए कूड़ा इकट्ठा कर ट्रॉली में डाला था. कूड़े के साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी आ गईं तो इसमें उनकी क्या ग़लती है.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे जावेद मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उनके वकील का कहना है कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ जब कोई ठोस सबूत जुटाने में विफल रही तो उसने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा दिया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद से यहां कुल लोगों के नमाज़ पढ़ने के बाद विवाद खड़ा हो गया. इसके विरोध में कुछ अन्य के हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला सामने आया. इस संबंध में अब तक कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी लखनऊ में पिछले हफ्ते खुले लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने की कथित घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. मॉल के अधिकारियों ने भी नमाज़ पढ़ने वाले अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर करा दिया है. महासभा का आरोप है कि मॉल में पुरुष कर्मचारियों में 70 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 30 प्रतिशत महिला कर्मचारी हिंदू समुदाय से है. ऐसा करके प्रबंधन लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले में तरकुलहा देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. जनश्रुति है कि 1857 विद्रोह के नायक डुमरी रियासत के बाबू बंधू सिंह इसी स्थान से अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ गुरिल्ला संघर्ष छेड़े हुए थे. उन्होंने वर्तमान मंदिर के पास अंग्रेज़ों के सिर चढ़ाकर बलि की जो परंपरा शुरू की थी वह आज भी जारी है. ज़िले की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां प्रसाद के रूप में मटन दिया जाता हैं.
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंसा के हालिया मामलों के आरोपियों की संपत्तियों में और तोड़फोड़ न की जाए.
घटना मथुरा ज़िले की है, जहां फराह नगर में रहने वाले मुबीन क़ुरैशी जब 10 जुलाई को पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करने अपने खेत में गए तो कुछ लोगों ने कथित तौर पर उन्हें 'देशद्रोही' बताकर यह कहते हुए हमला कर दिया कि 'तुम्हारे लोगों ने उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या की है.'
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के शंकर पटखौली और महराजगंज ज़िले के सोहवल गांवों में प्रशासन की तरफ़ से अवैध क़ब्ज़े का आरोप लगाते हुए क़रीब 50 परिवारों को घर छोड़ने और हज़ारों रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.