बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.
वीडियो: मई के आख़िरी हफ्ते में बुलंदशहर के बराल गांव के कुछ मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी, जिसे मीडिया के एक तबके ने बिना किसी प्रमाण के मुस्लिमों द्वारा तोड़े जाने से जोड़ा दिया. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि सभी आरोपी हिंदू हैं.
मुंबई के उपनगरीय माहिम स्थित सेंट माइकल चर्च ने एक बयान में कहा है कि परिसर में क़ब्रिस्तान के लगभग 18 क्रॉस टूटे हुए मिले हैं. पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अपराधी के ख़िलाफ़ उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से देश के कई राज्यों में इसके ख़िलाफ़ युवाओं ने व्यापक प्रदर्शन किए. आख़िर क्यों सरकार की इस योजना का विरोध किया जा रहा है, क्या चाहते हैं युवा? द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
अगर मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने वादे पर ईमानदारी से अमल करती, तो इन आठ सालों में सोलह करोड़ युवाओं को नौकरियां मिल चुकी होतीं! अब एक ओर बेरोज़गारी बेलगाम होकर एक के बाद एक नए कीर्तिमान बना रही है, दूसरी ओर उसके प्रति सरकार की ‘गंभीरता’ का आलम यह है कि समझ में नहीं आता कि उसे लेकर सिर पीटा जाए या छाती.
नौकरी को लेकर युवाओं का कोई भी प्रदर्शन केवल उनकी अपनी नौकरी को लेकर है. इसलिए नौकरी और युवाओं का कथित आक्रोश राजनीतिक मुद्दा होते हुए भी वोट का मुद्दा नहीं है. जिस लड़ाई को आप लड़ने चले हैं, उसे आप बहुत पहले रौंद चुके हैं. आपने दूसरों की ऐसी अनेक लड़ाइयां ख़त्म की, मैदान तक ख़त्म दिए. अब जब मैदान दलदल में बदल गया है, तब उसमें लड़ाई के लिए उतरे हैं. आप फंसते चले जाएंगे.
केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ, सरकार ने साल 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए आयु सीमा पूर्व में घोषित 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है.
केंद्र सरकार की 4 साल के अनुबंध वाली सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध गुरुवार को और अधिक व्यापक व हिंसक हो गया. हरियाणा के पलवल में हिंसा के बाद इंटरनेट बंद. बिहार और मध्य प्रदेश में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन व रेलवे ट्रैक फूंक दिए. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में भी योजना के ख़िलाफ़ युवाओं का आक्रोश चरम पर रहा.
5 मई को वडोदरा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में ललित कला संकाय ने परीक्षा के दौरान हिंदू देवी-देवताओं को आपत्तिजनक तरीके से दिखाने के आरोप में दक्षिणपंथी भीड़ ने छात्रों और स्टाफ पर हमला किया था. बताया गया है कि चित्र बनाने वाले छात्र के ख़िलाफ़ कई धाराओं के तहत केस भी दर्ज किया गया था.
त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में आठ सितंबर को हुई हिंसा में 10 से अधिक लोग घायल हो गए और छह वाहनों में आग लगा दी गई थी. यह हिंसा भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तीन मीडिया संस्थानों के दफ़्तरों और माकपा के तीन कार्यालयों पर हमले के बाद हुई.
बीते 22 दिसंबर को बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चार सदस्यों ने श्रुतदेवी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद संगठन ने माफ़ी मांगी थी. इन चारों के ख़िलाफ़ दंगा करने सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
धर्म का एक अभिप्राय है अपने अंदर झांककर बेहतर इंसान बनने की कोशिश करना और दूसरा स्वरूप आस्था के बाज़ारीकरण और व्यवसायीकरण में दिखता है. आस्था के इसी स्वरूप की विकृति कांवड़िया उत्पात को समझने में मदद करती है.
कोडुंगल्लूर फिल्म सोसायटी की याचिका पर मराठा आरक्षण, फिल्म पद्मावत जैसे मामलों का भी ज़िक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्तियों की तोड़फोड़ की घटनाएं बेहद गंभीर स्थिति है.