पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी ज़िला अदालत में दायर एक याचिका में कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बनी ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर पूजा की अनुमति मिलनी चाहिए. इस याचिका को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति ने चुनौती दी थी.
उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के भोजीपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में मोहर्रम का जुलूस निकालने के दौरान दो समुदायों के लोगों में डीजे बजाने को लेकर विवाद हो गया और दोनों पक्षों ने कथित रूप से एक-दूसरे पर पथराव किए. वहीं, वाराणसी के करधना गांव में ताजिया जुलूस ले जाने के समय दो समुदायों के बीच विवाद हो जाने पर जमकर लाठी-डंडे चलने के साथ ही पथराव हुआ.
वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का
वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रतियां पक्षकारों को उपलब्ध कराए जाने की अनुमति देते हुए उनसे शपथ-पत्र लिया था कि वे उन्हें सार्वजनिक नहीं करेंगे या अदालत की अनुमति के बिना अनाधिकृत इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि कुछ ही देर बाद वीडियो और फोटो वायरल हो गए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में भाजपा की एक दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद काशी ने जो अंगड़ाई ली है, वह हम सबके सामने है. काशी में काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन होने के बाद प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है.
वीडियो: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवादों के चलते 1968 के समझौते और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम पर चर्चा हो रही है. इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं याक़ूत अली.
याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र शर्मा ने कथित रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर मौजूद केशव देव मंदिर के गर्भ गृह का ‘शुद्धिकरण’ करने की अनुमति अदालत से मांगी है. दिनेश अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष हैं और उन्होंने 19 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में भी ऐसी ही एक याचिका दाख़िल की थी. दोनों याचिकाएं अदालत में लंबित हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा अपने वकील के माध्यम से एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें आगे बढ़ने से पहले अदालत में लंबित मुक़दमों की स्थिरता (मुक़दमा चलाने लायक है या नहीं) पर निर्णय लेने की मांग की गई थी. अदालत ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से खोजे गए ‘शिवलिंग’ की एक तस्वीर पोस्ट की थी और खोज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए व्यंग्य किया था. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष दायर दीवानी वाद अब वाराणसी जिला न्यायाधीश वाराणसी को ट्रांसफर किया जाएगा. पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की एक निचली अदालत याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
मथुरा की ज़िला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर वह भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंपने के मामले में दिए गए आदेश पर फिर से विचार करते हुए सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया. सितंबर 2020 में इस याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था. इस समय इसी तरह की मांग को लेकर स्थानीय अदालतों में 12 से अधिक और मामले में भी चल रहे हैं.
मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि इबादतगाहों को लेकर निचली अदालतें जिस तरह से फैसले ले रही हैं, वह अफ़सोस की बात है. बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद कमेटी को विधिक सहायता मुहैया कराने का फैसला किया है. इस बीच हिंदू पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग फव्वारा है तो चला कर दिखाएं. इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह इसके लिए तैयार है.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के संबंध में टिप्पणी करने के आरोप में गुजरात में एआईएमआईएम के नेता दानिश क़ुरैशी और नागपुर में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन पर इस बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद एक छात्र द्वारा हमला करने के मामला सामने आया है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के प्रकट हो जाने से जो चमत्कृत हैं, वे जानते हैं कि यह झूठ है. 'बाबा प्रकट हुए मस्जिद में', ऐसा कहने वाले धार्मिक हो या न हों, अतिक्रमणकारी अवश्य हैं.