दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर बिना अनुमति शोभा यात्रा निकालने के लिए इसके आयोजकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था. शुरुआत में इस एफ़आईआर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का नाम शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. गिरफ़्तार व्यक्ति को भी छोड़ दिया गया है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि ने विश्व हिंदू परिषद के इस दावे को ‘कपोल कल्पना’ क़रार दिया कि क़ुतुब मीनार मूल रूप से एक ‘विष्णु स्तंभ’ था और आगाह किया कि परिसर में संरचनाओं के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के परिणामस्वरूप 1993 में यूनेस्को द्वारा मिला विश्व धरोहर का दर्जा रद्द कर दिया जाएगा.
कर्नाटक के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता कल्लडका प्रभाकर भट्ट ने मेंगलुरु के बाहरी इलाके कुट्टर में विश्व हिंदू परिषद की कर्णिका कोरगज्जा धर्मस्थल द्वारा हिंदू एकता के लिए आयोजित विशाल पदयात्रा के दौरान कहा कि अगर हिंदू समाज एक साथ आता है तो ऐसा हो सकता है.
गुजरात में अहमदाबाद शहर के धंधुका कस्बे में कथित तौर पर एक फेसबुक पोस्ट को लेकर बीते 25 जनवरी को एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इससे पहले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनके ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. गुजरात एटीएस ने हत्या के संबंध में दो मौलवियों समेत अब तक चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे का मामला. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि तथाकथित हिंदू धर्म संरक्षक केवल धर्म का चोला ओढ़कर कर राजनीति करते हैं. इन्हें न हिंदू धर्म से मतलब है, न गोसेवा से, उन्हें धर्म का दुरुपयोग कर सत्ता हासिल कर पैसा कमाना है. पूरी भाजपा और विश्व हिंदू परिषद गोशाला संचालक को बचाने में लग गया है.
गुजरात के अहमदाबाद ज़िले में बीते 25 जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करने को लेकर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस संबंध में एक मौलवी समेत तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस मामले में मृत युवक को बीते दिनों ज़मानत मिली थी.
यह घटना 14 जनवरी को उज्जैन रेलवे स्टेशन पर हुई. आरोप है कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम शख़्स पर 'लव जिहाद' का आरोप लगाकर मारपीट भी की. महिला और पुरुष दोनों ही विवाहित हैं और पारिवारिक मित्र हैं, जिन्होंने इन लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया.
बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पंचगंगा, दशाश्वमेध, अस्सी और मणिकर्णिका समेत कई घाटों पर विहिप व बजरंग दल द्वारा लगाए पोस्टरों पर ग़ैर-हिंदुओं को गंगा घाटों से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी. विहिप का दावा है कि उसने पोस्टर लगाने वाले दो सदस्यों को संगठन से निकाल दिया है.
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विभिन्न घाटों पर इन पोस्टरों को देखा जा सकता है, जिसमें पंचगंगा घाट, राम घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट शामिल हैं. पोस्टरों पर यह भी लिखा है कि ‘यह निवेदन नहीं, चेतावनी है.’
विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि 1947 में देश को राजनीतिक आज़ादी मिली पर राम मंदिर आंदोलन के ज़रिये धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिली. जैन ने यह भी कहा कि चंदा अभियान ने पूरे देश को साथ लाकर बताया कि राम ही देश को एकजुट कर सकते हैं. धर्मनिरपेक्ष राजनीति ने सिर्फ देश को बांटा ही है.
वीडियो: मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले के गंज बासोदा स्थित सेंट जोसेफ हाई स्कूल में बीते छह दिसंबर को जब 12वीं कक्षा के छात्र स्कूल में परीक्षा दे रहे थे, उसी समय बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े करीब 300 लोग परिसर में घुस आए. इन लोगों का आरोप था कि स्कूल में हिंदू बच्चों का जबरन धर्मांतरण कर उनसे ईसाई धर्म स्वीकार कराया जा रहा है.
मामला विदिशा ज़िले के गंज बासोदा का है, जहां आठ छात्रों के धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए दक्षिणपंथी संगठनों ने मिशनरी स्कूल में हंगामा किया. बताया गया है कि इस दौरान यहां तोड़फोड़ और पथराव भी हुआ था. स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है.
11 नवंबर को ग़ाज़ियाबाद के लोनी बॉर्डर पर हुए 'एनकाउंटर' में सात मुस्लिम व्यक्तियों को अवैध गो-तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार करने से पहले गोली चलाई गई थी, जो सभी के पांव पर तक़रीबन एक ही जगह लगी थी. मामले में लोनी थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
कासगंज में साल 2018 में मारे गए चंदन गुप्ता के पिता कह रहे हैं कि नौजवानों को उस रास्ते नहीं जाना चाहिए जिस पर हिंदुत्ववादी या राष्ट्रवादी उत्साह या उन्माद में उनका बेटा चल पड़ा था. क्या उनकी नाराज़गी की वजह यह है कि वे इस मौत के बाद या उसके बदले जो चाहते थे, वह नहीं मिला? या वे इसके ख़तरे को समझ पाए हैं?
साल 2018 में उत्तर प्रदेश के कासगंज में ‘तिरंगा यात्रा’ के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्ता के परिजनों ने योगी सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि उनके परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाए और शहर के एक चौराहे का नाम चंदन के नाम पर रखा जाए.