टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत, कहा- मोदी की बांग्लादेश यात्रा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन

टीएमसी का आरोप है कि प्रधानमंत्री की दो दिवसीय यात्रा का बांग्लादेश की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे होने या ‘बंगबंधु’ के जयंती समारोहों में शामिल होने से कोई लेना-देना नहीं था. इसके बजाय उनका एकमात्र मक़सद पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनावों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान को प्रभावित करने का था.

मोदी की राजनीति के ख़िलाफ़ गुस्से का निशाना बांग्लादेश के हिंदुओं को क्यों बनाया जा रहा है

एक देश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध के दौरान जब उसी देश के अल्पसंख्यकों पर हमला होने लगे तो शक़ होता है कि यह वास्तव में किसी नाइंसाफी के ख़िलाफ़ या बराबरी जैसे किसी उसूल की बहाली के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे भी एक बहुसंख्यकवादी द्वेष ही है.

भगत सिंह की हंसी के वारिस

भगत सिंह की पवित्र भूमि, उनका स्वर्ग भारत आज उन्हीं की परिभाषा के मुताबिक नर्क बना दिया गया है. उसे नर्क बना देने वाली ताकतें ही भारत की मालिक बन बैठी हैं. भगत के धर्म को मानने वाले क़ैद में हैं, उन्हीं की तरह. और भगत सिंह की तरह ही उनसे उनकी हंसी छीनी नहीं जा सकी है.

‘अगर मुझे पढ़ना आता तो मैं मंदिर में कभी नहीं जाता’

वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़के को पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. हिंसा की इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार से बातचीत.

क्या हिंदुओं को हिंसक बनाया जा रहा है?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़का पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. डासना में हुई घटना नफ़रत की एक मानसिकता को दर्शाती है. यह मानसिकता क्यों पनपती है? इसके पीछे क्या वजह है? इन मुद्दों को समझने के लिए स्वतंत्र पत्रकार अलीशान जाफ़री से दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.

हिंसा, क्रूरता कितनी भी नियमित हो जाए, उसे सामान्य मानने से इनकार करने की मानवीयता बची रहती है

डासना की घटना से मालूम होता है कि जो हिंसा का निशाना बनाया गया है, पुलिस उसके साथ खड़ी हो सकती है. जिसने हिंसा की, पुलिस उसे खोजकर उसके साथ इंसाफ की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इंसानियत के बचे रहने की उम्मीद क़ानून या संविधान के बोध के जीवित और सक्रिय रहने पर ही निर्भर है.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: अदालत ने संगीत सोम के ख़िलाफ़ एसआईटी की ‘क्लोज़र रिपोर्ट’ स्वीकार की

उत्तर प्रदेश के सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम पर साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे के पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो अपलोड करने का मामला दर्ज किया था. एसआईटी ने विशेष अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि सोम के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला.

मुस्लिमों को खलनायक दिखाने के लिए हिंदुत्व समूहों द्वारा गढ़े मिथक तोड़ने होंगे: एसवाई क़ुरैशी

देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने अपनी नई किताब ‘द पॉपुलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’ में कहा है कि मुस्लिमों ने जनसंख्या के मामले में हिंदुओं से आगे निकलने के लिए कोई षड्यंत्र नहीं रचा है और उनकी संख्या देश में हिंदुओं की संख्या को कभी चुनौती नहीं दे सकती.

गणतंत्र दिवस हिंसा: दिल्ली पुलिस ने जम्मू से एक किसान नेता सहित तीन लोगों को किया गिरफ़्तार

पुलिस ने बताया कि जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह और जम्मू के गोल गुजराल निवासी मंदीप सिंह को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार इन दोनों ने लाल किले पर हुई हिंसा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और उसके मुख्य साजिशकर्ता थे. लाल क़िले के गुंबद पर चढ़ने के आरोप में एक अन्य शख़्स को भी पकड़ा गया है.

असम-मिज़ोरम सीमा पर फ़िर हुई हिंसा, असम के हैलाकांडी ज़िले में निषेधाज्ञा लागू

मिज़ोरम के कोलासिब और असम के हैलाकांडी ज़िले में बीते नौ फरवरी की रात हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए. पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी असम के कछार ज़िले और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद सीमा पर तब कई दिन तक तनाव रहा था.

किसान आंदोलन: स्वतंत्र पत्रकार को ज़मानत के बाद डिजिटल मीडिया पेशेवरों ने कहा- हम डटे रहेंगे

वीडियो: दिल्ली पु​लिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किया था जहां केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाकर डिजिटल मीडिया के पत्रकारों से बात की.

‘जो स्वतंत्र पत्रकार हैं, उन्हें ये लोग इंसान भी नहीं समझते’

वीडियो: दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को बीते 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. रिहा होने के बाद उनसे द वायर के सिराज अली ने बातचीत की.

दिल्ली: सिंघू बॉर्डर से गिरफ़्तार पत्रकार मनदीप पुनिया को ज़मानत मिली

स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर से शनिवार को हिरासत में लेने के बाद रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. अदालत ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित, गवाह सब पुलिसकर्मी हैं. इस बात की संभावना है नहीं कि आरोपी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है.

बजट 2021: एमएसपी दिलाने वाली दो प्रमुख योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती

कृषि क़ानूनों पर किसानों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी व्यवस्था ख़त्म नहीं होगी, पर आम बजट में इसे दिलाने वाली योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती की गई है, जिसके चलते किसानों को उतनी एमएसपी भी नहीं मिलेगी, जितनी सरकार तय करती है.

किसान ट्रैक्टर रैली के बाद से 100 से अधिक लोग लापता: संयुक्त किसान मोर्चा

किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद लापता लोगों का पता लगाने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. मोर्चा ने अब तक 163 लोगों की पहचान की है, जो या तो जेल या फिर पुलिस हिरासत में हैं.

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