झारखंड मॉब लिंचिंग: अमेरिकी संस्था ने तबरेज अंसारी की हत्या की निंदा की

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने बीते 21 जून को जारी किए गए रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2018 में गायों के व्यापार या गोवध की अफवाह पर अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर, मुसलमानों के खिलाफ चरमंपथी हिंदू समूहों ने हिंसा की है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- धार्मिक स्वतंत्रता से समझौता हुआ तो बदतर हो जाएगी दुनिया

बीते 21 जून को अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में गायों के व्यापार या गोवध की अफवाह पर अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर, मुसलमानों के खिलाफ चरमंपथी हिंदू समूहों ने हिंसा की है.

राजनीतिक समाज का नया हथियार बनता जय श्री राम

क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.

भारत में हिंसक हिंदू चरमपंथी समूहों द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं: अमेरिकी रिपोर्ट

भारत ने अमेरिका की इस रिपोर्ट को खारिज किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एक विदेशी संस्था द्वारा हमारे नागरिकों के संविधान संरक्षित अधिकारों की स्थिति पर टिप्पणी करने का कोई औचित्य नहीं है.

पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित भाटपारा में फिर हिंसा, भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा

भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हिंसा से संबंधित रिपोर्ट सौंपगा. पश्चिम बंगाल के भाटपारा में बीते 20 जून को दो समूहों के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि दोनों समूहों के लोग तृणमूल कांग्रेस और भाजपा से जुड़े हुए थे.

बदहवास भारत में भाषा का भसान

जो गांधी के विचारों के समर्थक और शांति के पैरोकार हैं, ख़ुद एक दिमाग़ी बुखार में गिरफ़्तार हैं. हिंसा हमारा स्वभाव हो गई है. हम हमला करने का पहला मौका छोड़ना नहीं चाहते. पढ़ने-सुनने के लिए जो समय और धीरज चाहिए, हमने वह जानबूझकर गंवा दिया है.

मध्य प्रदेश: ‘भारत बंद’ को एक साल बीत गए, सरकार बदल गई, लेकिन इंसाफ़ नहीं मिला

ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की गोली लगने से मौत हो गई थी.

मिशन शक्ति पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की नहीं थी जानकारी: चुनाव आयोग

27 मार्च को प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बारे में राजनीतिक दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को सूचित किया गया था और न ही अनुमति मांगी गई थी.

अपूर्वानंद की मास्टरक्लास: इस्लामोफोबिया से हत्या की संस्कृति तक

आज की मास्टरक्लास में अपूर्वानंद न्यूज़ीलैंड में मस्जिदों में हुई गोलाबारी और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ते हेट क्राइम के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: दो युवकों की हत्या के मामले में सात को उम्रकैद

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में अलग-अलग घटनाओं में दो चचेरे भाइयों गौरव और सचिन के साथ एक अन्य युवक शाहनवाज कुरैशी की हत्या हो गई थी जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा फैल गई थी. इस दौरान 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि 50 हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गए थे.

एससी/एसटी संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, अगली सुनवाई 19 फरवरी को

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) कानून में संसद के मानसून सत्र में संशोधन करके इसकी पहले की स्थिति बहाल की गई है. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

भारत को नसीरुद्दीन शाह जैसे और लोगों की ज़रूरत है

जहां बॉलीवुड के अधिकतर अभिनेता सच से मुंह मोड़ने और चुप्पी ओढ़ने के लिए जाने जाते हैं, वहीं मुखरता नसीरुद्दीन शाह की पहचान रही है. उनका व्यक्तित्व उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की उस भीड़ से अलग करता है, जिसके लिए शक्तिशाली की शरण में जाना, गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी मांगना और कभी भी मन की बात न कहना एक रिवाज़-सा बन चुका है.

गोमांस के शक़ में ज़ब्त किया गया 93 प्रतिशत मीट भैंस और बैल का था: रिपोर्ट

हैदराबाद के 'मांस पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र' की रिसर्च में पता चला है कि 2014 से 2017 के बीच पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए मांस में से सिर्फ सात प्रतिशत ही गोमांस था.

नसीरुद्दीन शाह के बयान पर विवाद- न तड़पने की इजाज़त है, न फ़रियाद की

देश में निचले सामाजिक स्तर तक भय व अविश्वास का ऐसा माहौल बना दिया गया है कि प्रतिरोध की सारी आवाजें घुटकर रह गईं और अब ऊपरी स्तर पर कोई आमिर ख़ान अपना डर या नसीरुद्दीन शाह ग़ुस्सा जताने लगता है, तो उनका मुंह नोंचने की सिरफिरी कोशिशें शुरू कर दी जाती हैं.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए यह प्रायश्चित करने का मौका है

जहां एक ओर कांग्रेस के लिए यह नक्सल समस्या को सुलझाने का एक नया मौका है, वहीं राहुल गांधी के लिए यह साबित करने का अवसर है कि वे और उनकी पार्टी वास्तव में देश के आदिवासियों की चिंता करते हैं.

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