भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते 24 घंटे में 42,640 नए मामले सामने आए हैं, जिन्हें मिलाकर संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,977,861 हो गई है. इस अवधि में 1,167 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 389,302 हो गई है. विश्व में संक्रमण 17.87 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 38.73 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई देशों द्वारा कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि के बाद दक्षिण-पूर्व एशिया के अपने सदस्यों से कोविड-19 को दोबारा फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत बनाने, सामाजिक दूरी के नियमों के कड़ाई से पालन और टीकाकरण तेज़ करने की अपील की है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण कुल मामले बढ़कर 29,935,221 हो गए हैं, जबकि जान गंवाने वालों का आंकड़ा 388,135 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 17.85 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 38.66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा है कि कोविड-19 से जान गंवा चुके हर व्यक्ति के परिवार को अनुग्रह राशि प्रदान नहीं कराई जा सकती, क्योंकि आपदा प्रबंधन क़ानून में केवल भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में ही मुआवज़े का प्रावधान है. सरकार ने शीर्ष अदालत को कार्यकारी नीतियों से दूर रहने के अपने पहले के फैसले की भी याद दिलाई और कहा कि न्यायपालिका केंद्र की ओर से निर्णय नहीं ले सकती है.
भारत में बीते एक दिन में संक्रमण के 58,419 नए मामले सामने आने के बाद कुल मामलों की संख्या 29,881,965 हो गई है. इस दौरान 1,576 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या 386,713 पर पहुंच गई है. विश्व में संक्रमण के 17.82 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं और 38.60 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. सर्वाधिक प्रभावित तीसरे देश ब्राज़ील में जान गंवाने वालों का आंकड़ा पांच लाख के पार कर गया है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,823,546 हो गई है, जबकि मृतक संख्या 385,137 है. विश्व में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 17.78 करोड़ से ज़्यादा है और अब तक 38.51 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
आईएमए की छत्तीसगढ़ इकाई के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि रामदेव की भ्रम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से ठीक हो रहे 90 फीसदी से ज़्यादा मरीज़ आशंका की स्थिति में आ जाएंगे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 29,762,793 हो गए हैं और इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 383,490 हो गई है. विश्व में संक्रमण 17.74 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 38.42 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 29,700,313 पहुंच गई है और मृतक संख्या 381,903 पर हो गई है. विश्व में संक्रमण के 17.70 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 38.33 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,633,105 हो गई है और मृतक संख्या 379,573 है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.66 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 38.22 लाख से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं. महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में जान गंवाने वालों का आंकड़ा छह लाख के पार चला गया है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,570,881 हो गई है और अब तक 377,031 की हुई है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.62 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि 38.12 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
देश के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की ख़रीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है. इन अस्पतालों ने टीकों की ख़रीद के लिए एक उचित तंत्र और एकल खिड़की प्रणाली स्थापित किए जाने की मांग की है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,510,410 हो गई है, जबकि 374,305 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.59 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि मरने वालों का आंकड़ 38 लाख से पार चला गया है.
देश में संक्रमण के दैनिक मामले एक लाख से नीचे बरक़रार हैं. बीते चौबीस घंटों में 3,303 रोगियों की मौत के साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,70,384 हो गई है. वहीं, दुनियाभर में संक्रमण के मामले 17.56 करोड़ से ज़्यादा हैं और 37.95 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
एक अनुमान के अनुसार लगभग 70% शहरी कार्यबल अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं. अनौपचारिक श्रमिकों के काम की अनिश्चित प्रकृति पहले ही जोखिम भरी होती है, जिससे उनके कोविड-19 के संपर्क में आने का ख़तरा बढ़ जाता है. मौजूदा टीकाकरण ढांचे में कई बाधाओं के चलते ऐसे कामगारों के टीकाकरण की संभावना कम है.