‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया जा रहा है.
भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हमलों की निगरानी करने वाले एक एक्टिविस्ट द्वारा रिपोर्ट किए जाने पर फेसबुक ने इन पोस्ट को हटाने से इनकार कर दिया. हालांकि, जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस संबंध में पूछताछ की, उसके बाद इन्हें हटाया गया.
द वायर स्वीकार करता है कि इसकी मेटा संबंधी रिपोर्ट्स के प्रकाशन से पहले की आंतरिक संपादकीय प्रक्रियाएं उन मानकों को पूरा नहीं करती थीं जो द वायर ने अपने लिए तय किए हैं और जिनकी इसके पाठक इससे उम्मीद करते हैं.
अब तक की समीक्षा में सामने आई विसंगतियों के मद्देनज़र द वायर इसकी मेटा कवरेज में शामिल तकनीकी टीम द्वारा की गई पिछली रिपोर्टिंग की भी गहन समीक्षा करेगा.
मेटा के बारे में हमारी कवरेज को लेकर उठाई गई शंकाओं के मद्देनज़र हम इन रिपोर्ट्स के लिए इस्तेमाल किए गए सभी दस्तावेज़ों, स्रोतों से मिली सामग्री और स्रोतों की आंतरिक समीक्षा कर रहे हैं.
मेटा ने द वायर द्वारा सार्वजनिक किए गए सबूतों के बारे में बेबुनियाद दावे किए हैं, शायद इस उम्मीद में कि हम आगे की जानकारी को खोजने और प्रकाशित करने के लिए बाध्य महसूस करेंगे जिससे वे और आसानी से स्रोत के बारे में जान सकें. पर हम इस खेल को खेलने के लिए तैयार नहीं हैं.
एक्सक्लूसिव: भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के मेटा के विशिष्ट 'क्रॉसचेक' प्रोग्राम में शामिल होने को लेकर की गईं द वायर की रिपोर्ट्स को लेकर मेटा द्वारा जारी किए गए बयान में हम पर कई सवाल उठाए गए हैं. द वायर ने इन सभी सवालों का उचित सबूतों के साथ जवाब दिया है.
एक्सक्लूसिव: इंस्टाग्राम ने @cringearchivist नाम के एकाउंट की सात पोस्ट वेरिफिकेशन के बिना सिर्फ़ इसलिए हटाईं, क्योंकि मेटा के विवादित ‘क्रॉसचेक प्रोग्राम’ के तहत विशेषाधिकार प्राप्त भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे रिपोर्ट किया था. अब मेटा ने क्रॉसचेक लिस्ट की बात को ‘मनगढ़ंत’ बताया है.
एक्सक्लूसिव: इंस्टाग्राम ने @cringearchivist नाम के एकाउंट की सात पोस्ट्स को बिना कोई वेरिफिकेशन किए सिर्फ इस कारण से हटा दिया क्योंकि इसे भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने रिपोर्ट किया था, जिन्हें मेटा के विवादित 'क्रॉसचेक प्रोग्राम' के तहत विशेषाधिकार प्राप्त हैं.
फेसबुक ह्विसिलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन हानिकारक ऑनलाइन सामग्री पर नकेल कसने के लिए ब्रिटेन सरकार के मसौदा क़ानून पर काम कर रही संसदीय समिति के सामने पेश हुईं और कहा कि फेसबुक सुरक्षा पर मुनाफ़े को प्राथमिकता दे रहा है.
फेसबुक के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दंगे के दौरान फेसबुक और वॉट्सऐप पर हिंसा के लिए उकसाने और अफ़वाहों भरे मैसेजेस की बाढ़ आई गई थी और फेसबुक को इसकी जानकारी थी. फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि ये रिपोर्ट अंतिम नहीं हैं. इसमें नीतिगत सिफारिशें नहीं हैं.
फेसबुक की पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने हाल ही में कंपनी के भीतर व्याप्त ख़ामियों को लेकर अमेरिका में शिकायत दायर की है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि किस तरह फेसबुक को पता है कि उनके मंच को वैश्विक विभाजन और जातीय हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन वे कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्टीट जर्नल द्वारा प्राप्त किए गए कंपनी के गोपनीय दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि फेसबुक ने क्रॉसचेक [XCheck] नाम से एक प्रोग्राम तैयार किया है, जो विभिन्न सेलिब्रिटीज़, नेताओं और पत्रकारों जैसे रसूख़दार लोगों को नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई से बचाता है.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हत्या के मुख्य आरोपी ब्रिटिश मूल के अल-कायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख़ को रिहा करने का आदेश दिया है. इस फै़सले पर अमेरिका और भारत समेत संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है.
पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने बीते 24 दिसंबर को अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख तथा उसके तीन सहयोगियों को रिहा करने का आदेश दिया था. पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी.