पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने न तो यह पूछा कि राज्य कोविड के हालात से किस तरह निपट रहा है और न ही उन्होंने टीकों तथा ऑक्सीजन के भंडार के बारे में पूछा. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार के पास महामारी से निपटने की कोई उचित योजना नहीं है.
पश्चिम बंगाल कैबिनेट के प्रस्ताव को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनकी मंज़ूरी के बाद आवश्यक मंज़ूरी के लिए इसे राज्य विधानसभा के पास भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान उम्र की वजह से टिकट सूची से बाहर रखे गए वरिष्ठ नेताओं के लिए विधान परिषद बनाए जाने का वादा किया था.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार चार नेताओं में से दो- टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जेल में तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले सोमवार को निचली अदालत से मिली ज़मानत पर रोक लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को जेल भेज दिया था.
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफ़ा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमज़ोरी को नहीं दर्शाता.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
2021 में बंगाल गर्वपूर्वक अपने कवि से कह सकता है, ये जो फूल आपको अर्पित करने मैं आया हूं वे सच्चे हैं, नकली नहीं. इस बार प्रेम, सद्भाव, शालीनता के लिए स्थान बचा सका हूं. यह कितने काल तक रहेगा इसकी गारंटी नहीं पर यह क्या कम है कि इस बार घृणा और हिंसा के झंझावात में भी ये कोमल पुष्प बचाए जा सके.
भाजपा ने इंडिया टुडे के पत्रकार अभ्रो बनर्जी के फोटो का इस्तेमाल करते हुए दावा किया वह पश्चिम बंगाल के सीतलकुची में मारे गए उनके पार्टी कार्यकर्ता मानिक मोइत्रा हैं. बाद में भाजपा ने अपनी सफाई में कहा कि पत्रकार की तस्वीर गलती से वीडियो में शामिल हो गई.
पश्चिम बंगाल के चुनाव के नतीजों की कई व्याख्याएं हो सकती हैं, और होनी भी चाहिए. लेकिन हर व्याख्या की शुरुआत यहीं से करनी होगी कि पश्चिम बंगाल के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी की एक नहीं सुनी.
वीडियो: भाजपा नेताओं और उनके सेलिब्रिटी समर्थकों द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा को ‘सांप्रदायिक’ के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शेष भारत के हिंदुओं को डराना और सांप्रदायिक बनाना है. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और प्रो. अपूर्वानंद की बातचीत.
कई सालों से मोदी-शाह की जोड़ी ने चुनाव जीतने की मशीन होने की जो छवि बनाई थी, वह कई हारों के कारण कमज़ोर पड़ रही थी, मगर इस बार की चोट भरने लायक नहीं है. वे एक ऐसे राज्य में लड़खड़ाकर गिरे हैं, जो किसी हिंदीभाषी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं करता कि वे उनके राज्य को कैसे बदलने की योजना रखते हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि पद संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 स्थिति से निपटने की होगी. उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद प्रदेश में जारी हिंसा के मद्देनज़र लोगों शांति बरतने की भी अपील की. देश में आज के समय में बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं.
अभिनेत्री कंगना रनौत कथित तौर पर भड़काऊ ट्वीट करने के लिए जानी जाती रही हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल में भाजपा पर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस की जीत और चुनाव बाद हिंसा को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए हिंसा के लिए बनर्जी को क़सूरवार ठहराया था और उन्हें ऐसे नामों से संबोधित किया था, जिनको प्रकाशित नहीं जा सकता है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि अधिकारी को अपने जीवन का ख़तरा था इसलिए उन्होंने फिर से मतगणना के आदेश नहीं दिए.
बंगाल के समाज के सामूहिक विवेक ने भी उस ख़तरे को पहचाना, जिसका नाम भाजपा है. तृणमूल कांग्रेस की यह जीत इसलिए बंगाल में छिछोरेपन, लफंगेपन, गुंडागर्दी, उग्र और हिंसक बहुसंख्यकवाद की हार भी है.
नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में अधिकारी पर ममता की जीत की ख़बर चलने लगी थी. तृणमूल कांग्रेस ने इसके मद्देनज़र मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग की. हालांकि आयोग ने पार्टी के इस अनुरोध को ख़ारिज कर दिया.