निरपराधों की हत्याएं, स्त्रियों के साथ खुली ज़्यादतियां, अपने ही मुल्क में शरणार्थी बनने को अभिशप्त लोग, क़ानून के रखवालों द्वारा अत्याचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में ढिलाई के आरोप, हिंसा के धार्मिक या सांप्रदायिक होने के स्पष्ट पुट... हम घटनाओं के सिलसिले को दोहराते देख रहे हैं, बीच में बस एक लंबा अंतराल है.
मणिपुर में हिंसा भड़कने से पहले 30 अप्रैल को चुराचांदपुर के रहने वाले एक स्नातक छात्र को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. छात्र ने एक फेसबुक पोस्ट साझा की थी, जिसमें कुकी-ज़ो लोगों की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री सहित मेईतेई नेताओं को दोषी ठहराया गया था. 4 मई को अदालत से जेल ले जाते समय भीड़ ने पुलिस वाहन पर हमला कर छात्र की हत्या कर दी और पुलिस के हथियार लूट लिए थे.
मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के तोरबुंग बाज़ार में सशस्त्र उपद्रवियों ने कम से कम 10 ख़ाली घरों और एक स्कूल को जला दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की और देसी बम फेंके थे.
एनएपीएम के साथ देशभर के तीन हज़ार से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपील में मणिपुर के हालात संभालने में विफल रहने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफ़े की मांग की है.
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क़दम उठाने का समय बहुत पहले चला गया है. उन्हें मणिपुर में तथाकथित डबल-इंजन शासन के पूरी तरह से विफल होने को छिपाने के लिए ध्यान भटकाने, चीज़ों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और आक्षेप लगाने में लिप्त होने की बजाय अब कार्रवाई करनी चाहिए.
वीडियो: मणिपुर में दो महीने से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ बलात्कार, यौन उत्पीड़न की ख़बरें सामने आना शुरू हुई हैं. आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने इन अपराधों को लेकर उचित कार्रवाई नहीं की. इन घटनाओं के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुकी समुदाय ने प्रदर्शन किया.
घटना इंफाल पूर्व ज़िले में 15 मई की है. मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ ने एक 18 वर्षीय युवती के साथ मारपीट के बाद उसे चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था, जिन्होंने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. राज्य में जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ बर्बरपूर्ण यौन हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
बीते 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने की घटना का वीडियो हाल ही में सामने आया था. बीते 4 मई को ही इंफाल में कार धोने का काम करने वाली कांगपोकपी की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह से मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. बीते 6 मई को एक महिला को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया था.
वीडियो: समाचार एजेंसी एएनआई ने मणिपुर में कुकी समुदाय की महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना के संबंध में फ़र्ज़ी ख़बर ट्वीट कर दी. इसमें अब्दुल हिलिम नामक शख़्स को आरोपी बताया गया. यह भी बताया गया कि मणिपुर पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है. हालांकि उनकी गिरफ़्तारी एक दूसरे मामले में हुई थी. बाद में एएनआई इसे हटा लिया.
मणिपुर में दो कुकी महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीभत्स वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इसे लेकर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य के लोग महिलाओं को मां का दर्जा देते हैं, लेकिन कुछ बदमाशों के ऐसा करने से राज्य की छवि ख़राब हुई है.
वीडियो: मणिपुर में दो महीने से अधिक समय से जारी जातीय संघर्ष के बीच वहां महिलाओं के साथ हुई ज़्यादती का ख़ौफ़नाक वीडियो सामने आया. इसके बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस बारे में दिए बयान को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज होने और इससे संबंधित वीडियो सामने आने के बीच के 62 दिनों में राज्य में हिंसा के बीच सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई थीं जहां बड़े अधिकारियों समेत केंद्रीय गृह मंत्री और असम के मुख्यमंत्री भी राज्य में पहुंचे थे.
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के अगले दिन 4 मई को थौबल ज़िले में आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न कर घुमाने के अलावा उनके साथ मारपीट और एक महिला के साथ सार्वजनिक तौर पर बलात्कार किया गया था. इसका विरोध करने पर महिला के पिता और भाई की भीड़ ने हत्या कर दी थी.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव और डीजीपी को तीन पत्र लिखे थे, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि राज्य की दो कुकी महिला के क्रूर और अमानवीय उत्पीड़न के संबंध में बीते 12 जून को एनसीडब्ल्यू से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था.
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के दस कुकी-ज़ो विधायकों, जिनमें सात भाजपा से हैं, द्वारा जारी बयान में चार अन्य घटनाओं का ब्योरा दिया गया है, जहां 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से समुदाय की महिलाओं के साथ या तो बलात्कार किया गया या उनकी हत्या कर दी गई.