वीडियो: बीते रविवार को दिल्ली में 'एक वोट पर एक रोज़गार आंदोलन' की तरफ़ से रोज़गार क़ानून, न्यूनतम मज़दूरी एवं पेंशन को लेकर जन संसद का आयोजन किया गया था, जहां आए कर्मचारियों, श्रमिकों और कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगें रखीं.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल जनवरी में सृजित ‘व्यक्ति-दिवसों’ की संख्या 20.69 करोड़ रही, जबकि फरवरी में यह संख्या 20.29 करोड़ रही. इससे पहले के तीन वर्षों में इन्हीं महीनों के दौरान यह संख्या काफी अधिक रही थी.
मनरेगा योजना को लेकर केंद्र सरकार की कुछ नीतियों के ख़िलाफ़ मज़दूर पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 24 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय में इस प्रदर्शन के समर्थन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, उन्हें कई घंटों के बाद छोड़ा गया.
देश के विभिन्न इलाकों से आए मनरेगा मज़दूर पिछले 30 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने मनरेगा बजट में एक तिहाई की कटौती करने के साथ मोबाइल ऐप आधारित उपस्थिति प्रक्रिया और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है. मज़दूरों ने इसे योजना पर सरकार का तीन तरफ़ा हमला बताया है.
वीडियो: कोविड-19 महामारी, अचानक देश में लगाए गए लॉकडाउन और इस दौरान हाशिये के वर्ग के लोगों के सामने पेश आई मुश्किलें निर्देशक अनुभव सिन्हा की नई फिल्म 'भीड़' का विषय हैं. इस बारे में उनसे और फिल्म की टीम से बातचीत.
विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर में प्रदर्शन कर रहे मनरेगा मज़दूरों के समर्थन में माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गांव के ग़रीबों के क़ानूनी और संवैधानिक अधिकारों पर एक अघोषित युद्ध छेड़े हुए है.
‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के श्रमिक विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले दो हफ़्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेष रूप से अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली को लेकर मज़दूरों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है.
वीडियो: बिहार की तमाम महिला मनरेगा मज़दूर अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रही हैं. इन महिलाओं ने मनरेगा मज़दूरी, ऑनलाइन हाज़िरी में धांधली समेत कई समस्याओं के बारे में बताया.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों पर मज़दूरी का वित्तीय बोझ भी राज्य सरकारों द्वारा उठाया जाना चाहिए, ताकि उन्हें भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सक्रिय बनाया जा सके.
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा ज़िले के एक गांव में हुआ हादसा. पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने कर्मचारियों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए थे. घटना के बाद लोगों ने प्रदर्शन कर मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की है.
बीते सप्ताह ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी मनरेगा कार्यस्थलों पर मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए हैं. पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कथित तौर पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए शुरू किए गए इस क़दम का ठीक उल्टा असर होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि म्यांमार के म्यावड्डी क्षेत्र में फंसे 80-90 भारतीयों में से अब तक 32 लोगों को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों को नौकरी को लेकर लुभाने वाली कंपनियों से सचेत रहना चाहिए.
दिलकुशा इलाके में भारी बारिश के कारण एक इमारत की चारदीवारी गिरने से उसके पास बनी झोपड़ियों में रह रहे तीन मजदूर दंपतियों के साथ तीन बच्चों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए. लखनऊ में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश के चलते जिलाधिकारी ने शुक्रवार को सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था.
घटना गुजरात विश्वविद्यालय के पास एक निर्माण स्थल पर हुई. पुलिस ने बताया कि पांच मजदूर 13वीं मंजिल पर एलिवेटर शाफ्ट से दीवार पर प्लास्टर कर रहे थे, तभी वे जिस लकड़ी के तख़्ते पर खड़े थे, वो टूटकर सीधे बेसमेंट में जा गिरा. इससे 5वीं मंजिल पर काम कर रहे दो अन्य लोग भी संतुलन खोकर नीचे गिर गए.
घटना सेक्टर 77 में मंगलवार शाम को हुई, जहां पांच मज़दूर एक निर्माणाधीन इमारत की 17वीं मंज़िल के पास एक टावर क्रेन को ठीक कर रहे थे और शटरिंग का एक लोहे का एंगल टूट गया जिससे वे सभी गिर गए. चार श्रमिकों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हैं.