एक स्पष्ट और निर्णायक हिंदुत्व को आर्थिक विकास की व्यापक परियोजना का अभिन्न अंग बना दिया गया है. आने वाले समय में इसके कई और आयाम हमारे सामने धीरे-धीरे प्रकट होंगे.
मोदी के हर क़दम ने हमें अचंभित किया है. यहां तक कि जब वे ज़हर उगलते रहे, तब भी हमारी प्रतिक्रिया ऐसी ही रही. योगी की ताजपोशी उनकी नयी पेशकश है. जो किया जा चुका है उसमें ख़ूबी तलाशना ही अब हमारा कर्तव्य रह गया है.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बसपा में शामिल हुए शमी इससे पहले सपा और कांग्रेस में भी रह चुके थे. उन्होंने राजा भैया के भी खिलाफ चुनाव लड़ा था.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भले ही किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था लेकिन योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में एकमात्र मुसलमान मोहसिन रज़ा को जगह मिली है.
सवाल यह है कि अजय सिंह बिष्ट उपनाम योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी को कैसे देखा जाए? आरंभ में आपको अटपटा लग सकता है लेकिन थोड़ा धैर्य से सोचेंगे तो पाएंगे कि संन्यासी का राजनीति से एक नाभि-नाल का संबंध रहा है.
रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’
पूर्वांचल में गहरी पैठ रखने वाले और हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे