सूचना के इस युग में किसी सरकार का इतनी आसानी से एक पूरी आबादी को बाकी दुनिया से काट देना दिखाता है कि हम किस ओर बढ़ रहे हैं.
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि एक अलग तरह का इस्लाम है, जो रमज़ान और ईद तक का सम्मान नहीं करता. यह सिर्फ हिंसा फैलाता है. पुलवामा हमले से यह पूरी तरह साफ हो गया. कश्मीरी मुसलमानों को इस तरह के इस्लामिक विचारों से दूर रहना चाहिए.
असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.
ऐतिहासिक नज़रिये से देखें, तो इस्लाम और हिंदू धर्म का आमना-सामना दोनों के लिए फायदेमंद ही रहा है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक यूथ फेडरेशन ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें औरतों को इस्लाम के पिंजरे में क़ैद पंछी की शक्ल दी गई. बताया गया कि ये पिंजरा ही वो महफ़ूज़ जगह है, जहां औरतें न सिर्फ़ नेकियां कमा सकती हैं बल्कि तमाम 'ज़हरीली' विचारधाराओं से बची रह सकती हैं.
नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध के बाद एक फैशन शो के रद्द हो जाने से ये सवाल उठता है कि क्यों जामिया का प्रशासन कार्यक्रम के सुरक्षित होने देने की गारंटी न कर सका?
आज की मास्टरक्लास में अपूर्वानंद न्यूज़ीलैंड में मस्जिदों में हुई गोलाबारी और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ते हेट क्राइम के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
उम्र के दूसरे दशक में गांधी निस्संदेह एक नस्लवादी थे. वे सभ्यताओं के पदानुक्रम यानी ऊंच-नीच में यक़ीन करते थे, जिसमें यूरोपीय शीर्ष पर थे, भारतीय उनके नीचे और अफ्रीकी सबसे निचले स्थान पर. लेकिन उम्र के तीसरे दशक तक पहुंचते-पहुंचते उनकी टिप्पणियों में अफ्रीकियों के भारतीयों से हीन होने का भाव ख़त्म होता गया.
1994 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न भाग नहीं है’ को पुनर्विचार के लिए पांच सदस्यीय पीठ को भेजे जाने के ख़िलाफ़ निर्णय देने वाली तीन सदस्यीय पीठ में शामिल जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर ने बहुमत से अलग राय दी. उन्होंने कहा, ‘इस फैसले को संबंधित धर्म के विश्वास, सिद्धांत और आस्था की रोशनी में जांचा जाना चाहिए.’
जिस तरह इस्लामिस्ट आतंकवादी अपनी हरकतों से इस्लाम का ही ग़लत मतलब पेश करते हैं, वही स्थिति हिंदुत्व आतंकवादियों की होती है, वे हिंदू धर्म का इस्तेमाल कर उसकी ग़लत छवि पेश करते हैं.
1984 के राजीव गांधी और 1993 के नरसिम्हा राव की तरह वाजपेयी इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जिन्होंने पाठ तो सहिष्णुता का पढ़ाया, मगर बेगुनाह नागरिकों के क़त्लेआम की तरफ़ से आंखें मूंद लीं.
एएमयू को एक लड़की की गुस्ताख़ी पसंद नहीं आई, इसलिए एक ऐसा नारा जो इस्लामिक भी नहीं है उस पर हायतौबा मची है. ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी ज़िम्मेदार शैक्षणिक संस्थान की तरह व्यवहार करने की बजाय फ़तवे की किताब खोलकर बैठ गई है.
जन गण मन की बात की 258वीं कड़ी में विनोद दुआ अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के अमेरिकी टीवी शो क्वांटिको पर हुए विवाद और शेफ अतुल कोचर की टिप्पणी पर चर्चा कर रहे हैं.
आम जनमानस में उर्दू मुसलमानों की भाषा बना दी गई है, शायद यही वजह है कि रमज़ान की मुबारकबाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्दू को चुना. सच यह है कि जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू नहीं बोली जाती.
इससे पहले उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का बचाव करते हुए विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि कोई भी तीन बच्चों की मां का बलात्कार नहीं कर सकता है, यह संभव नहीं है.