संरचनात्मक रूप से ऑनलाइन शिक्षण में विश्वविद्यालय की कोई भूमिका नहीं है, न तो किसी शिक्षक और न ही किसी विद्यार्थी को इसके लिए कोई संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. यानी शिक्षा, जो सार्वजनिक और सांस्थानिक ज़िम्मेदारी थी वह इस ऑनलाइन मॉडल के चलते व्यक्तिगत संसाधनों के भरोसे है.
मार्च में जब देश में कोविड संक्रमण की शुरुआत हुई, तब बिहार में बहुत कम मामले सामने आए थे, लेकिन अब आलम यह है कि राज्य में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा है और मुख्यमंत्री के परिजनों से लेकर कई ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारी तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को ख़त्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले के कुछ ही दिन पहले अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर वॉल्व लगे एन-95 मास्क पहनने को लेकर चेताते हुए कहा कि ये मास्क वायरस की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों के उलट हैं.
मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
एयर इंडिया ने इससे पहले अपनी वित्तीय स्थिति का हवाला देकर अपने कर्मचारियों को पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजने का फैसला किया है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते एक दिन में 37,148 नए मामले सामने आने के साथ कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,155,191 हो गई है. विश्व में यह महामारी 6.09 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुके है, जबकि संक्रमण के कुल मामले 1.47 करोड़ से ज़्यादा हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और चीन में बनाए गए वैक्सीन के अब तक किए गए मानव परीक्षणों में इम्यून सिस्टम के बेहतर होने के संकेत मिले हैं. अब अगले ट्रायल में ये पता लगाया जाएगा कि इससे कोरोना वायरस को रोका जा सकता है या नहीं.
केरल के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जिसने इस महामारी के सामुदायिक प्रसार की बात को स्वीकार किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अस्पताल बोर्ड के प्रमुख ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसकी पुष्टि किया जाना अभी बाकी है.
भारत में महज़ तीन दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 10 लाख से 11 लाख के पार पहुंच गए हैं और मरने वालों की संख्या 27,497 हो गई है. विश्व में 6.06 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि संक्रमण के कुल मामले 1.45 करोड़ से ज़्यादा हैं.
बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक, बीते लगभग एक महीने में झुग्गियों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना के मामलों में 60 फ़ीसदी बढ़त हुई है. एक अधिकारी के अनुसार बड़ी इमारतों में लोगों ने अब सख़्ती बरतनी बंद कर दी है और बाहरी लोग आ-जा रहे हैं.
घटना कर्नाटक के विजयपुरा ज़िले की है, जहां एक दलित युवक द्वारा ऊंची कही जाने वाली जाति के एक व्यक्ति की बाइक छू लेने के बाद उसे और उसके परिवार को बेरहमी से पीटा गया है. इस संबंध में 13 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
एनजीओ ‘वर्ल्ड विज़न एशिया पैसिफ़िक’ द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन की सबसे अधिक मार दिहाड़ी मज़दूरों पर पड़ी और इसके चलते छिनी आजीविका ग्रामीण और शहरी ग़रीबों के लिए सबसे बड़ी चिंता बन गई.
मामला कलबुर्गी ज़िले के गुलबर्गा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ का है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि अस्पताल का दरवाज़ा खुला रह गया था, मरीज़ों द्वारा कूड़े में फेंकी गई खाने-पीने की चीज़ें खोजते हुए सुअर अस्पताल में घुस आए थे. हालांकि वे कोविड वार्ड में नहीं घुसे थे.
द वायर द्वारा सूचना के अधिकार क़ानून के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चला है कि मिज़ोरम में लॉकडाउन के दौरान मार्च-अप्रैल में बंद हुए स्कूलों के हर तीन में से लगभग एक बच्चे को मिड-डे मील के तहत पका हुआ भोजन या इसके एवज में राशन और खाना पकाने की राशि नहीं मिली है.