भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 27,729,247 हो गई है और मौत का आंकड़ा 322,512 हो गया है. विश्व में संक्रमण के कुल 16.94 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 35.23 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मुर्दे इतने अधिक हो गए कि लाशों को ठिकाने लगाने का सिस्टम बैठ गया. अब वे हिसाब मांगेगी. मृत्यु का, आंसू का, असहाय और अकेले पड़ने का, लुटने का, अस्पताल से लेकर अंतिम यात्राओं तक अपना आत्म सम्मान खोने का. जितना ढंकेंगे, चुप कराएंगे, झूठ बोलेंगे, सच उतना ही साफ होकर सामने आता जाएगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आप प्रधानमंत्री है, आप ज़िम्मेदारी किसी और पर नहीं डाल सकते हैं. लब्बोलुआब यह है कि आप ज़िम्मेदार हैं. अब तक भारत की केवल 3 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण क्यों किया गया है? प्रधानमंत्री ने टीकों का निर्यात किया, क्योंकि वह यह समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार टीकों
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के आईपी स्टेट थाने में दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 की स्थिति का लाभ उठाने के लिए एलोपैथिक दवाओं और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अन्य संबद्ध उपचार तकनीकों के बारे में भ्रामक और ग़लत बयानबाज़ी की है.
केंद्रीय सूचना आयोग का ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल को जारी उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि कोरोना मामलों की सुनवाई के लिए आयोग को एक विशेष पीठ का गठन करना चाहिए. आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने इस मामले में याचिका दायर की थी. दास को इसलिए हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा था, क्योंकि सीआईसी इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर नहीं ले रही थी.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 27,555,457 हो गई है और महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 318,895 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 16.90 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और मौत का आंकड़ा 35 लाख के पार कर चुका है.
ट्विटर ने दिल्ली पुलिस के ‘टूलकिट’ जांच मामले में उसके दफ़्तरों में आने को ‘डराने-धमकाने की चाल’ बताया था. इसे लेकर मोदी सरकार ने कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कंपनी के बयान को सच्चाई से परे बताया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते साल मई में छह महीने की अवधि के लिए एस्मा लागू किया था. बाद में नवंबर 2020 में इसके प्रावधानों को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 के एलोपैथिक इलाज के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए रामदेव पर तत्काल राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए. संगठन ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. इस बीच रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कथित तौर पर कह रहे हैं कि उनके बाप भी उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकते हैं.
भाजपा विधायक सतीश रेड्डी का गिरफ़्तार सहयोगी बाबू बीते चार मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और पार्टी के अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के उस कोविड-19 वार रूम में पहुंचा था, जहां सूर्या ने 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर कथित कोविड-19 बेड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे का विकास करना चाहिए कि महामारी की तीसरी या चौथी लहर आ सकती है, क्योंकि लोग मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता जैसे नियमों का पालन नहीं करने जा रहे. अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों को संबंधित इंजेक्शन के वितरण को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना अस्पष्ट और दोषपूर्ण बताया है.
क्रिसिल के रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में टीके की उपलब्धता की राष्ट्रीय स्तर पर कमी के कारण 23 मई तक रोज़ाना होने वाला टीकाकरण प्रति दस लाख की आबादी पर कम होकर 980 रह गया है, जबकि उससे एक हफ़्ते पहले यह प्रति दस लाख की आबादी पर 1,455 था. यह 35 फ़ीसदी से ज़्यादा की कमी है. वैश्विक स्तर पर टीकाकरण का औसत प्रति दस लाख की आबादी पर 3,564 है.
भारत में संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 27,369,093 हो गया है और अब तक 315,235 लोग इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 16.84 करोड़ से ज़्यादा हैं और मृतक संख्या 35 लाख के क़रीब पहुंच गई है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज ज़िले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े बताते हैं कि यहां बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत हुई है.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने कहा है कि संपन्न देशों में लाखों लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जबकि ग़रीब देशों में अरबों लोग टीके का इंतज़ार कर रहे हैं. महामारी के ख़ात्मे के लिए प्रभावी और समावेशी वैश्विक टीकाकरण बहुत ज़रूरी है. आप तब तक सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते, जब तक कि हम सभी सुरक्षित न हों.