गुजरात के बनासकांठा ज़िले के डीसा शहर का मामला. ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उनके पास मंगलवार तक ही स्टॉक था और नए स्टॉक का आदेश दिया गया था जो दिन में पहुंचा. इसी बीच ऑक्सीजन की कमी से दो मरीज़ों ने दम तोड़ दिया.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थिति एक निजी अस्पताल का मामला. मरीज़ों की मौत से नाराज़ उनके परिजन ने अस्पताल में खूब हंगामा किया. अस्पताल प्रशासन कहना है कि किसी भी मरीज़ की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत नहीं हुई है.
केंद्र सरकार के 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के निर्णय के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने कोविशील्ड टीके की कीमत की घोषणा की, जिसे वह अपने पुणे संयंत्र में तैयार कर रही है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक घटिया क़दम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे आशीष येचुरी पेशे से पत्रकार थे. कोरोना वायरस संक्रमण के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की तत्काल ज़रूरत पर याचिका सुनते हुए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि जब तक ऑक्सीजन का आयात नहीं होता तब तक अगर इस्पात-पेट्रोलियम जैसे उद्योग कम क्षमता के साथ काम करें तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा. लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिली तो तबाही मच जाएगी. हम लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरते हुए नहीं देख सकते.
वीडियो: कोरोना महामारी आ जाने से देश में कई व्यापार ठप हो गए हैं. भारत में सेक्स-वर्क ग़ैरक़ानूनी नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस ने इसे लगभग ख़त्म कर दिया है, जिसके चलते दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्कर काफ़ी परेशान हैं और वो दिल्ली सरकार से मांग कर रही हैं कि अगर इसके अलावा भी कोई काम मिले तो वो करने को तैयार हैं.
वीडियो: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.
भारत में पहली बार कोरोना वायरस से एक दिन में जान गंवाने वालों का आंकड़ा दो हज़ार के पार कर गया, जिसके बाद मृतक संख्या बढ़कर 1.82 लाख से अधिक हो गई है. संक्रमण के सर्वाधिक 295,041 मामले दर्ज होने के बाद कुल मामले बढ़कर 15,616,130 हो गए. विश्व में संक्रमण के कुल 14.29 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 30.43 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
हरिद्वार में चल रहे कुंभ में शामिल हुए 70 वर्षीय संत कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक कोविड सेंटर में भर्ती थे. हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल ले जाया गया, जहां कथित तौर पर आईसीयू बेड की अनुपलब्धता के चलते उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया. सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखारी और वितरण के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट ने विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी की याचिका पर राज्य भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल, विधायक हर्ष सांघवी और अन्य को नोटिस जारी किया है. भाजपा ने सूरत कार्यालय से ये इंजेक्शन मुफ़्त बांटने का अभियान दस अप्रैल से शुरू किया था.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महामारी के मुश्किल दौर में ऐसी ख़बरें भी दिखाई जानी चाहिए, जिनसे समाज में सकारात्मक माहौल बन सके. हर 100 साल में एक बार महामारी आती है. ऐसे समय में आप यह भी दिखाएं कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ किस तरह लगातार काम कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजधानी लखनऊ चीन का वुहान बन चुका है. यहां के अधिकांश मोहल्ले मौत के मातम में डूबे हुए हैं. सरकार की अक्षमता ने जनता को घोर संकट में डाल दिया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सरकार ने उत्तर प्रदेश को गिद्धों के हवाले कर दिया है.
गुजरात हाईकोर्ट की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि शिकायतें आ रही हैं कि मरीज़ों को भर्ती नहीं किया जा रहा है, क्योंकि अस्पतालों में जगह नहीं हैं. बेड उपलब्ध नहीं हैं. आपने जो आंकड़ा दिया है, अगर ये सही है तब लोग इधर-उधर क्यों चक्कर काट रहे हैं.
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच राष्ट्रीय राजधानी में उपजे 'ऑक्सीजन संकट' की चेतावनी के बाद मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह कुछ बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की नयी खेप मिली है. ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश देते हुए कहा था कि आर्थिक हित मानव जीवन से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अगर संभव हो तो गुजरात सरकार को 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. अगर राज्य सरकार इसके पक्ष में नहीं है तो उसे लोगों को उनके घरों तक सीमित करने के लिए पाबंदी लगाने के बारे में सोचना चाहिए. गुजरात हाईकोर्ट ने डॉक्टरों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुझाव मांगें थे.