मध्य प्रदेश: पर्यावरण दिवस पर वन बचा रहे शिवराज बक्सवाहा के जंगलों की बर्बादी पर मौन क्यों हैं

बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरा खनन के लिए छतरपुर ज़िले के बक्सवाहा जंगल के एक बड़े हिस्से में लगे दो लाख से अधिक पेड़ काटे जाने की योजना है, जिसका व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है. विडंबना यह है कि बीते दिनों पर्यावरण बचाने की कसमें खाने वाले सत्ता और विपक्ष के अधिकांश नेता इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.

मध्य प्रदेशः बजरंग दल के विरोध के बाद इप्टा ने थिएटर महोत्सव रद्द किया

इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन छतरपुर ज़िले में पांच दिवसीय थिएटर महोत्सव का आयोजन करने वाला था. इस बीच बजरंग दल की अगुवाई वाले समूह ने एसडीएम को पत्र लिखकर महोत्सव में होने वाले दो नाटकों पर आपत्ति जताते हुए इसे रद्द करने को कहा. ऐसा न होने पर उग्र प्रदर्शन की धमकी दी गई थी.

मध्य प्रदेश: बिजली बिल जमा न करने पर हुई कुर्की से क्षुब्ध किसान ने आत्महत्या की

छतरपुर ज़िले के 35 वर्षीय मुनेंद्र द्वारा बिजली का बिल भुगतान न करने पर विभाग ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल ज़ब्त कर ली थी. मुनेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनके अंग बेचकर शासन का कर्ज़ चुक सके.

मध्य प्रदेश: कथित तौर पर खाना छूने पर दलित युवक की पिटाई के बाद मौत

मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के गौरीहार थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले के दोनों आरोपी फ़रार है, उनकी तलाश की जा रही है.

मध्य प्रदेश: दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने को लेकर हुई मारपीट, मामला दर्ज

मामला छतरपुर ज़िले के छापरा गांव का है, जहां दलित समुदाय के एक युवक को उसकी बारात से पहले घोड़े पर बैठकर पूजा के लिए जाने से रोका गया. चार सवर्ण युवकों ने उसे घोड़े से उतारने का प्रयास करते हुए जातिगत टिप्पणियां और मारपीट की. साथ ही, पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी.

मध्य प्रदेश: यौन शोषण के बाद चार साल की बच्ची की हत्या

मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है. पुलिस ने बताया कि बच्ची का शव गांववालों को 29 मई को कुएं में मिला था. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लापरवाही के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.

मध्य प्रदेश में एक पखवाड़े में 26 किसानों ने की आत्महत्या

पिछले 48 घंटे में देश भर से 14 किसानों के आत्महत्या करने की ख़बरें आ चुकी हैं. जिस तरह से किसान आत्महत्याएं हो रही हैं, यह किसी आपात स्थिति से ​कम नहीं है.